नोटबंदी से उद्योगों को मिलेगा सस्ता ऋणः जेतली

Saturday, Nov 19, 2016 - 03:20 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली ने कहा है कि एक हजार रुपए और 500 रुपए के पुराने नोटों को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले से बैंकों के पास उद्योगों को सस्ता कर्ज देने के लिए पर्याप्त पूंजी आई है जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। जेतली ने शुक्रवार देर रात एक कार्यक्रम में कहा, "अल्प तथा मध्यम अवधि में इससे बैंकों के पास पूंजी बढ़ी है तथा कम ब्याज दर पर ऋण देने की उनकी क्षमता रातों-रात सुधर गई है। इससे सस्ती पूंजी के अभाव में जूझ रहे इंफ्रास्ट्रक्चर तथा विनिर्माण क्षेत्र को गति मिलेगी और अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में सुधार होगा।"

नोटबंदी को वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से भी बड़ा आर्थिक सुधार बताया। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने कहा था जी.एस.टी. अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार है लेकिन हमने उससे भी बड़ा कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि पूरी भारतीय अर्थव्यवस्था की 86 प्रतिशत नकदी (मूल्य के आधार पर) बदलना एक बड़ा काम है। नोटों की पहले से छपाई कर पर्याप्त स्टॉक तैयार करना, रिजर्व बैंक के 4 हजार मुद्रा चेस्टों तथा एक लाख 25 हजार से ज्यादा बैंकों समेत कुल 5 से 6 लाख वितरण स्थलों तक उन्हें पहुंचाना तथा सभी लोगों तक नकदी की पहुंच सुनिश्चित करना; वह भी कुछ सप्ताह के भीतर। इसमें कुछ असुविधा होनी तय है।

जेतली ने कहा कि सरकार का लक्ष्य अगले एक-दो सप्ताह में गांवों तक पर्याप्त नकदी पहुंचाना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अगले एक-दो सप्ताह में ग्रामीण इलाकों में पर्याप्त नकदी पहुंच जाए क्योंकि वहां इसकी काफी जरूरत है।" उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में इस कदम का लाभ यह होगा कि लोगों के खर्च करने तथा भुगतान करने का तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। अगले 5 से 10 साल में चाहे किसान हो या व्यापारी सभी नकदी की बजाय नकद रहित भुगतान को अपना लेंगे। पुरानों नोटों को बंद करने के तरीके पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में वित्त मंत्री अरुण ने कहा कि इसे इससे बेहतर तरीके से लागू नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के नए ‘सामान्य’ को परिभाषित करेगा। 

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