रियल एस्टेट दिग्गजों को बड़ा नुकसान

Wednesday, Sep 02, 2015 - 12:41 PM (IST)

मुंबईः पिछले दशक के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को जबरदस्त नुकसान का सामना करना पड़ा। रुपए में देश की शीर्ष 12 रियल एस्टेट कंपनियों की एकीकृत शुद्ध हैसियत में दिसंबर 2007 के बाद करीब 90 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। जबकि डॉलर में उनकी हैसियत में 95 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। 

विश्लेषकों का कहना है कि रियल एस्टेट कीमतों में आगे और गिरावट होने के आसार हैं जिससे बिल्डरों पर दबाव बरकरार रह सकता है। शीर्ष बिल्डरों की संयुक्त शुद्ध हैसियत घटकर अब 24,000 करोड़ रुपए (3.8 अरब डॉलर) रह गई है जो दिसंबर 2007 के अंत में 2.79 लाख करोड़ रुपए (70 अरब डॉलर) थी। शीर्ष बिल्डरों की इस सूची में डीएलएफ के केपी सिंह, यूनिटेक के चंद्रा परिवार और एचडीआईएल के वधावन परिवार शामिल हैं। 

यह विश्लेषण दिसंबर 2007 में रियल एस्टेट कंपनियों के बाजार पूंजीकरण और प्रवर्तकों की हिस्सेदारी पर आधारित है। दिसंबर 2007 में बाजार खासकर बीएसीई रियल्टी सूचकांक अपने चरम पर था। उसके बाद से ही बीएसई रियल्टी में गिरावट का रुख रहा। जबकि मार्च 2009 से नवंबर 2010 और सितंबर 2013 से अगस्त 2015 के दौरान रियल्टी सूचकांक में तेजी रही। 

व्यक्तिगत प्रवर्तकों पर गौर करें तो डीएलएफ लिमिटेड के प्रवर्तक एवं चेयरमैन केपी सिंह को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। कंपनी में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य घटकर 15,300 करोड़ रुपए (2.4 अरब डॉलर) रह गया है जो दिसंबर 2007 में 1.61 लाख करोड़ रुपए (40.8 अरब डॉलर) था।

यूनिटेक के शेयरों में गिरावट के कारण उसके प्रवर्तक चंद्रा परिवार को 99 फीसदी पूंजी का नुकसान हुआ। कंपनी में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य घटकर अब 530 करोड़ रुपए (8.1 करोड़ डॉलर) रह गया है जो दिसंबर 2007 में 59,098 करोड़ रुपए (1.5 अरब डॉलर) था। दूरसंचार स्पैक्ट्रम घोटाले से कंपनी का नाम जुडऩे और उसके प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा की गिरफ्तारी ने निवेशकों को परेशान किया।

एचडीआईएल के राकेश कुमार वधावन को भी पिछले एक दशक में जबरदस्त नुकसान हुआ। कंपनी में उनकी हिस्सेदारी का मूल्य घटकर अब 956 करोड़ रुपए (14.7 करोड़ डॉलर) रह गया है जो दिसंबर 2007 में 14,152 करोड़ रुपए (3.5 अरब डॉलर) था। इसके अलावा रियल स्टेट क्षेत्र के जिन दिग्गजों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ उनमें पाश्र्वनाथ डेवलपर्स के जैन बंधु, ओमैक्स के रोहतास गोयल, पूर्वांकरा प्रोजेक्ट्स के रवि पूर्वांकरा और हबटाउन के हेमंत शाह शामिल हैं।

इस सूची में शामिल रियल्टी दिग्गजों के अलावा डीबी रियल्टी के शाहित बलवा और विनोद गोयनका को भी पिछले एक दशक में काफी नुकसान उठाना पड़ा। उनकी शुद्ध हैसियत घटकर 850 करोड़ रुपए रह गई है जो मार्च 2010 में 7,142 करोड़ रुपए की ऊंचाई पर थी। लियासिस फोरस के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने बताया कि कीमतों में इजाफा होने पर मकानों की बिक्री घटने लगी और इससे बिल्डरों के पास बिना बिके मकानों की संख्या काफी बढ़ गई। ऐसे में बिल्डरों के पास नकदी की समस्या पैदा हो गई। उन्होंने कहा, ''उद्योग अधिक कीमत, कम बिक्री और अधिक लागत के साथ नीचे चला गया।'' विश्लेषकों का कहना है कि अत्यधिक आपूर्ति और कम सामथ्र्य के कारण मांग पर दबाव आगे भी बरकरार रहने के आसार हैं।

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