दिवाली पर छूट बरसाएंगी ई-कॉमर्स कंपनियां

Tuesday, Sep 01, 2015 - 02:09 PM (IST)

हैदराबादः ई-कॉमर्स कंपनियां फेस्टिव सीजन के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कंपनियां मोबाइल यूजर्स को टारगेट करने और उन्हें बार-बार खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए फेस्टिव सीजन में बंपर डिस्काऊंट ऑफर कर सकती हैं। त्यौहारी सीजन में कंपनियों का फोकस होम, किचेन और डेकॉर जैसे सेगमेंट पर हो सकता है। 

स्नैपडील के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (मार्कीटिंग) श्रीनिवासन मूर्ति ने कहा, "अपने 1.5 लाख सेलर्स की मदद के लिए हम ऐसे सॉल्यूशंस डिवेलप कर रहे हैं, जिनसे कंज्यूमर्स बिहेवियर को समझकर उनके मुताबिक पहले ही इनवेंटरी तैयार कर ली जाए।"

पिछले साल स्नैपडील की साइट पर दिवाली से पहले यूजर्स ट्रैफिक 15 गुना था। ई-कॉमर्स कंपनियों का फोकस अभी सबसे ज्यादा ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम (जीएमवी) हासिल करना है। जीएमवी के आधार पर ही इनवेस्टर की दिलचस्पी किसी ई-कॉमर्स कंपनी में बढ़ती है। 

हालांकि डिस्काऊंट स्ट्रैटजी में एप्प यूजर्स को रिवॉर्ड को तौर पर 5 फीसदी अतिरिक्त छूट, कैशबैक और वॉलेट प्वाइंट्स देने की है ताकि कंज्यूमर्स बार-बार शॉपिंग करें। इस बार फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों का फोकस मोबाइल यूजर्स पर है क्योंकि मार्कीटप्लेस को वैल्यूएबल यूजर डेटा मिलता है। 

कंपनियों का फोकस कस्टमर्स जोड़ने के लिए सीधे डिस्काऊंट देने के बजाय इस बार नए ऑन-बोर्ड मर्चेंट्स को बढ़ावा देने के लिए उन्हें डिस्काऊंट देना है। इंडिया में लॉयल्टी प्रोग्राम के जरिए ज्यादा सेल्स नहीं होती। इसकी एक वजह है कि कूपन और कैशबैक डील्स में कंज्यूमर्स को तुरंत बेनेफिट मिल जाते हैं।

कैशबैक साइट कैशकरो की को-फाऊंडर स्वाति भार्गव ने कहा, "पिछले कुछ सालों में हमने देखा है कि फ्लैट डिस्काऊंट पर मिनिमम ऑर्डर वैल्यू में इजाफा होता है और यह 20-30 फीसदी तक होता है। इंडिया में लॉयलिटी प्रोग्राम इतने प्रभावी नहीं है, लिहाजा इससे कस्टमर्स की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ौतरी नहीं होती।"

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