चीन को लेकर फैली घबराहट के बीच राजन ने बाजार को दिलाया भरोसा

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2015 - 04:31 PM (IST)

मुंबई: चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर गहराई चिंता से शेयर और रुपए में भारी गिरावट के बीज रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने आज कहा कि भारत की वृहद आर्थिक स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी मजबूत है और एेसे में डर की कोई जरूरत नहीं है।   

राजन ने कहा, "मैं बाजारों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे वृहद आर्थिक कारक नियंत्रण में हैं और हमारी अर्थव्यवस्था औरों की तुलना में बहुत अच्छी स्थिति में है।" आर.बी.आई. गवर्नर यहां राष्ट्रीय बैंकिंग सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन बैंकों के संघ आई.बी.ए. और फिक्की ने मिल कर किया है। उन्होंने कहा कि देश के पास इस समय 380 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। जब और जैसी जरूरत पड़ेगी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। 

आर.बी.आई. गवर्नर राजन ने आने वाले समय में नीतिगत ब्याज दर में कमी किए जाने का संकेत भी दिया। उन्होंने कहा कि जिंसों की कीमतों में और अधिक कमी आने, सरकार की आेर से अनाज के अच्छे प्रबंध और मुद्रास्फीति के खिलाफ केंद्रीय बैंक की सख्त नीति से नरम मौद्रिक नीति (नीतिगत दरों में कमी) की बन रही गुंजाइश पर रिजर्व बैंक ध्यान देगा।   

राजन ने कहा, "जिंस बाजार में गिरती कीमतों और सरकार की आेर से खाद्य बाजार के अच्छे प्रबंध से रिजर्व बैंक को (नीतिगत ब्याज कम करने में) मदद मिलेगी।" राजन ने कहा, उन्हें लगता है कि कच्चे तेल की कीमतें अभी एक दो साल नीचे ही चलेंगी।  

गौरतलब है कि आज भारत सहित एशियाई शेयर बाजारों में भारी उठापटक के बीच रुपया डॉलर के मुकाबले टूट कर शुरूआती कारोबार में 66 पैसे की तेज गिरावट के साथ 66.49 तक चला गया। यह दो साल में रुपए का न्यूनतम स्तर है। रुपए में यह गिरावट एेसे समय देखी गई जबकि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के समक्ष डॉलर कमजोर रहा।   

शेयर बाजारों से विदेशी धन की निकासी बढ़ने से रुपए पर दबाव बढ़ गया था।   आर.बी.आई. गवर्नर ने कहा कि विदेशी विनियम बाजार में उथल-पुथल चल रही थी और उसमें चीन तो आखिरी पड़ाव है। उन्होंने कहा कि यूं तो जापानी येन और यूरो के समक्ष रुपए की विनिमय दर मजबूत हुई है। गवर्नर ने कहा कि विनिमय बाजार में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त संसाधन है। 

स्थानीय शेयर बाजारों में आज कारोबार के दौरान इस वर्ष अब तक सबसे बड़ी गिरवट देखी गई। प्रारंभिक कारोबार में मुंबई बाजार का प्रमुख सूचकांक सैंसेक्स 1006 अंक टूट गया। खास कर संस्थागत निवेशकों की बिकवाली के दबाव में नैशनल स्टाक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला निफ्टी भी गिर कर 8,000 से नीचे चला गया। 

चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर गहराती चिंताओं के बीच आज एशिया के प्रमुख शेयरों में भारी उथल-पुथल रही। शंघाई शेयर बाजार में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। चीन की अर्थव्यवस्था का संकट पहले के अनुमानों से भी गहरा माना जा रहा है जिससे निवेशकों में घबराहट देखी गई। सुबह सैंसेक्स 1006.54 अंक या 3.67 फीसदी गिर कर 26,359.53 अंक तथा एन.एस.ई. का निफ्टी भी 3.72 प्रतिशत (309.05 अंक) नीचे 7,990.90 पर चल रहा था। निफ्टी के सभी 50 शेयर गिरावट में थे। 


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