और सस्ते सोने का न करें इंतजार, बढ़ सकती है कीमतें

Friday, Aug 14, 2015 - 01:18 PM (IST)

कोलकाताः रुपए में कमजोरी से गोल्ड की कीमत बढ़ने के कारण मार्कीट में वे ग्राहक आ सकते हैं जो कीमतों में और कमी की उम्मीद की वजह से अभी तक अपनी खरीदारी टाल रहे थे। वर्ल्ड गोल्ड काऊंसिल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर पी आर सोमसुंदरम ने गुरुवार को कहा कि 2015 में भारत में गोल्ड की डिमांड 900-1,000 टन रह सकती है।

पिछले महीनाभर से गोल्ड की कीमतों में गिरावट आ रही थी। इसकी वजह चीन की ओर से मार्कीट में बड़ी मात्रा में गोल्ड बेचना था। इसके बाद कीमतें 27,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से गिरकर एक महीने में 25,000 रुपए पर आ गईं। पिछले दो दिनों में डॉलर के मुकाबले में रुपए के कमजोर होकर 65 के पार जाने से गोल्ड के प्राइसेज में कुछ तेजी आई है और ये 26,000 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि गोल्ड के चढ़ने के पीछे कमजोर रुपया ही एकमात्र कारण नहीं है। गोल्ड के इंटरनैशनल प्राइसेज भी पिछले दो दिनों में 1,095 डॉलर प्रति आउंस से बढ़कर 1,117 डॉलर पर पहुंच गए हैं।

दूसरे क्वॉर्टर में भारत में गोल्ड की डिमांड 25 फीसदी गिरकर 154.5 टन रह गई। वैल्यू के लिहाज से यह 26 पर्सेंट की कमी के साथ 37,590.2 करोड़ रुपए रही। वर्ल्ड गोल्ड काऊंसिल की गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट से पता चलता है कि दूसरे क्वॉर्टर में दुनियाभर में गोल्ड की कुल डिमांड पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले में 12 फीसदी गिरकर 915 टन रही। इसमें गिरावट की बड़ी वजह भारत और चीन की ओर से डिमांड कम रहना है।

दूसरे क्वॉर्टर में भारत में जूलरी की कुल डिमांड 23 फीसदी की कमी के साथ 118 टन पर आ गई। एक इन्वेस्टमेंट प्रॉडक्ट के तौर पर गोल्ड का आकर्षण भी कम हो रहा है। दूसरे क्वॉर्टर में इन्वेस्टमेंट के लिहाज से गोल्ड की कुल डिमांड 30 फीसदी घटकर 36.5 टन रह गई, जो पिछले वर्ष के इसी क्वॉर्टर में 52.3 टन की थी। वैल्यू के लिहाज से गोल्ड की इन्वेस्टमेंट डिमांड 31 फीसदी घटकर 8,887.2 करोड़ रुपए रह गई। दूसरे क्वॉर्टर में भारत में 24 टन गोल्ड रिसाइकल किया गया। यह आंकड़ा 2014 की इसी अवधि में 22.5 टन था।

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