ब्लैक मनीः अभी नहीं बताया तो देना होगा भारी जुर्माना

Saturday, Jul 04, 2015 - 10:31 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने काला धन (अघोषित विदेशी आय व आस्तियां) और कराधान नियम, 2015 के साथ ही इसके तहत अनुपालन व्यवस्था अधिसूचित कर दी है। यह व्यवस्था व काला धन नियम 1 जुलाई 2015 से प्रभावी हो चुके हैं। अनुपालन व्यवस्था की अवधि 30 सितंबर को समाप्त हो जाएगी।

अधिसूचित में उस विदेशी आय व आस्तियों का मूल्यांकन करने के नियम भी शामिल हैं, जिन पर कर व जुर्माना चुकाना है। अघोषित आय व आस्तियों पर कर और जुर्माना आंकलन वर्ष 2016-17 यानी चालू वित्त वर्ष से लागू होगा। आयकर विभाग की वैबसाइट पर दी गई अधिसूचना में बताया गया है, "अधिनियम के तहत कर का आंकलन वर्ष 2016-17 के लिए होगा, जिसके लिए प्रासंगिक पूर्व वर्ष 2015-16 रहेगा। अधिनियम की धारा 86 के तहत मुश्किलें दूर करने के लिए केंद्र सरकार एक आदेश के जरिए यह स्पष्ट करती है कि अधिनियम 1 जुलाई से प्रभावी होगा।"

30 सितंबर को समाप्त हो रही अनुपालन व्यवस्था लागू होने के दौरान घोषित किसी भी आय व आस्ति पर कुल 60 फीसदी कर व जुर्माना चुकाना होगा। इस अवधि के दौरान विदेशी आस्तियों व आय की घोषणा करने वालों को कर व जुर्माना चुकाने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया जाएगा। इस अवधि के बाद अघोषित विदेशी संपत्तियों व आय का खुलासा करने पर 30 फीसदी कर व 90 फीसदी जुर्माना चुकाना होगा। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यानी उन्हें अधिनियम का उल्लंघन करने पर आस्ति की कीमत से अधिक रकम चुकानी होगी बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है। 

विदेशी आय के मामले में जानबूझकर टैक्स चोरी करने वाले को 3 से 10 साल का सश्रम कारावास भी हो सकता है। विदेशी संपत्तियों से प्राप्त आय पर रिटर्न देने और संपत्तियों का खुलासा करने में नाकाम रहने वाले को 6 महीने से लेकर 7 साल तक का सश्रम कारावास हो सकता है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की ओर से अधिसूचित नियमों में कहा गया है कि शेयरों और प्रतिभूतियों का आकलन बाजार मूल्य या फिर मूल्यांकन के दिन अधिकतम व न्यूनतम मूल्य का औसत माना जाएगा। नियमों में उन इक्विटी शेयरों के आकलन का भी फॉर्म्युला दिया गया है, जो कहीं सूचीबद्ध नहीं हैं। आभूषणों के मामले में उनकी शुद्धता, मात्रा, सोने का मूल्य, हीरे और अन्य कीमती धातुओं का खुलासा करना होगा।

सरकार के फॉर्म्युले के मुताबिक कालाधन बताने वालों की गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी लेकिन उसको चुनिंदा अधिकारियों के सामने नाम बताना होगा। ब्लैक मनी का खुलासा करने वालों से कमाई का स्रोत नहीं पूछा जाएगा, मगर उसको सिर्फ ये बताना होगा कि पैसा आतंकी स्रोत से नहीं कमाया गया है।

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