नेस्ले को देश भर से मैगी का एक बैच हटाने के आदेश

Friday, May 22, 2015 - 01:00 PM (IST)

नई दिल्लीः खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन ने 2-मिनट मैगी बनाने वाली कंपनी नेस्ले से पूरे देश की दुकानों से मैगी का एक बैच हटाने का आदेश दिया है। मैगी में सीसा की मात्रा तयशुदा से कहीं अधिक पाए जाने के बाद ऐसे आदेश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों से 2-मिनट मैगी नूडल्स के सैंपल में घातक पदार्थ मोनोसोडियम ग्लूटामेट केमिकल (एम.एस.जी.) की मात्रा अत्याधिक पाए जाने से मैगी खाद्य नियामक प्राधिकरण की निगरानी में आ गई थी। मैगी को देशभर में प्रतिबंधित करने के संकेत भी आने लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से ही मैगी के सैंपल लिए गए थे और उन्हें जांच के लिए भेजा गया था। उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच नतीजों के बाद उक्त विभाग ने दिल्ली स्थित भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.ए.आई.) को लिखित में मैगी का लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा था। राज्य के नियंत्रक विभाग ने एफ.एस.एस.ए.आई. को यह भी लिखा है कि पूरे देश भर में मैगी की क्वालिटी जांची जानी चाहिए।    

मैगी बनाने वाली कंपनी ''नेस्ले इंडिया'' ने मामले पर सफाई भी दी है। नेस्ले ने अपना पक्ष अपनी वैबसाइट पर लिखते हुए कहा कि ''हम मैगी नूडल्स में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एम.एस.जी.) नहीं मिलाते हैं। हम जो रॉ मटिरियिल्स मिलाते हैं उसमें प्राकृतिक ग्लूटामेट हो सकता है, जिसके बारे में एमएसजी का भ्रम पैदा हो गया। ग्लूटामेट सुरक्षित है और यह हर दिन प्रयोग की जाने वाली उच्च प्रोटीनयुक्त चीजों जैसे टमाटर, पनीर, प्याज, दूध, मटर जैसी चीजों में पाया जाता है।''

किडनी भी हो सकती है डैमेज!
डॉक्टरों के मुताबिक, बहुत ज्यादा मात्रा में लेड का सेवन गंभीर स्वास्थ्य दिक्कतें पैदा कर सकता है। इससे न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें, खून के प्रवाह में समस्या और किडनी फेल होने तक की नौबत आ सकती है। फोर्टिस के डॉ. अनूप मिश्रा बताते हैं कि लेड का ज्यादा सेवन बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। इससे उनके विकास में रुकावट आ सकती है, पेट दर्द, नर्व डैमेज और दूसरे अंगों को भी नुक्सान पहुंच सकता है।

इसी तरह एम.एस.जी. के नुक्सानों को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसका इस्तेमाल चाइनीज फूड में फ्लेवर का असर बढ़ाने के लिए किया जाता है। फूड सेफ्टी के नियमों के मुताबिक, अगर प्रोडक्ट में एमएसजी का इस्तेमाल किया गया है तो पैकेट पर इसका जिक्र करना अनिवार्य है। एमएसजी से मुंह, सिर या गर्दन में जलन, स्किन एलर्जी, हाथ-पैर में कमजोरी, सिरदर्द और पेट की तकलीफें हो सकती हैं।

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