संकट की घड़ी में नेपाल के साथ खड़ा हुआ इंडिया इंक, भेजी राहत सामग्री

Tuesday, Apr 28, 2015 - 09:45 AM (IST)

नई दिल्लीः भूंकप की मार झेल रहे नेपाल में जहां भारत सरकार बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान छेड़े हुए है, वहीं भारतीय कंपनियां भी इस अभियान में पीछे नहीं हैं। बड़े कॉर्पोरेट ग्रुप्स से लेकर छोटी स्टार्टअप्स तक, इंडिया इंक नेपाल में हरसंभव मदद कर रहा है। कंबल, पेयजल, दवाओं, खाने-पीने की चीजों और एयर फेयर में डिस्काऊंट से लेकर नकद मदद के मोर्चे तक पर भारतीय कंपनियां मदद कर रही हैं।

गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कर्मचारी भूकंप पीड़ितों के लिए एक दिन का वेतन देंगे। कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि कर्मचारी पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों में भी मदद करेंगे। बेवरेज मेकर कोका-कोला ने बताया कि उसने एक लीटर किनले मिनरल वॉटर बॉटल्स के 10,000 केसेज रविवार को नेपाल भेजे थे।

टाटा संस के प्रवक्ता ने कहा कि उनका कॉरपोरेट ग्रुप राहत अभियान के लिए सरकारी एजेंसियों के संपर्क में है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के एक ऑफिशल ने बताया कि पीड़ितों को वित्तीय सहायता देने की योजना बनाई जा रही है। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ग्रुप ने नेपाल में अपनी लोकल डिस्ट्रिब्यूटर से कहा है कि वह पुनर्वास कार्य के लिए सरकार को कंपनी के ट्रैक्टर और पिक-अप वीइकल्स मुहैया कराए। ग्रुप चेयरमैन और एमडी आनंद महिंद्रा ने कहा, ''''उम्मीद है कि हमारी इस छोटी सी मदद से नेपाल और भारत में प्रभावित लोगों का जीवन सामान्य करने में सहूलियत होगी।''''

सिगरेट और कंज्यूमर गुड्स बाने वाली कंपनी आईटीसी की सब्सिडियरी सूर्या नेपाल ने 2,00,000 फूड पैकेट्स भेजे हैं। साथ ही, उसने 9 टन सनफीस्ट बिस्कुट और यिप्पी! इंस्टैंड नूडल्स भी मुहैया कराए हैं। इमामी, पेप्सिको, रसना और डाबर जैसी एफएमसीजी कंपनियां भी हरकत में आई हैं। नेपाल में डाबर की सब्सिडियरी सालाना 200 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई करती है। वह सीएसआर के तहत पीड़ितों को डिस्पेंसरी के जरिए हैल्थकेयर मुहैया करा रही है। इमामी ने कंबल और दवाओं के साथ वॉलंटियर्स को बचाव कार्य में लगाया है। वहीं रसना ने 7 टन ग्लूकोज पाऊडर और मिल्कशेक मिक्स भेजा है।

स्टार्टअप्स ने भी कदम बढ़ाए हैं। ड्रोंस बनाने वाली स्टार्टअप आइडियाफोर्ज ने मानव रहित एरियल वीइकल सिस्टम नेचरल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स को दिया है ताकि काठमांडू और नेपाल के ग्रामीण इलाकों में सर्विलांस में मदद की जा सके। स्टार्टअप के को-फाउंडर और सीईओ अंकित मेहता ने बताया, ''ड्रोन आज पहुंच जाना चाहिए। एनडीआरएफ से संदेश मिलने पर हम अपनी टीमों को भी नेपाल भेजेंगे।''

पेमेंट वॉलेट ऑक्सिजन अपने डेली ट्रांजैक्शंस का 1 फीसदी हिस्सा नेपाल के पीड़ितों के लिए अगले एक महीने तक देगी। वहीं पेटीएम कूपन ऑफर कर रही है, जिसके यूजर्स पीड़ितों के लिए अंशदान कर सकेंगे।

स्पाइसजेट ने काठमांडू के लिए सोमवार से दो दिनों तक अपनी शाम की फ्लाइट्स के बेस फेयर घटाए हैं।

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