प्रवासियों को भी मिल सकती है वायदा मुद्रा कारोबार की अनुमति

Sunday, Apr 05, 2015 - 12:17 PM (IST)

मुंबईः रिजर्व बैंक प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी एक्सचेंज के जरिए वायदा मुद्रा कारोबार (एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी डेरिवेटिव्स) की अनुमति देने पर विचार कर रहा है। 
 
देश का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने के उद्देश्य से एक ओर रिजर्व बैंक (आरबीआई) जी जान से कोशिश कर रहा है तो दूसरी और सरकार विदेशी और घरेलू निवेश बढ़ाने में जुटी है। ऐसे में आरबीआई का कहना है कि वह जल्द ही प्रवासी भारतीयों के लिए भी ईटीसीडी बाजार का रास्ता खोल सकता है। फिलहाल इसकी अनुमति सिर्फ घरेलू कंपनियों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को है। 
 
विदेशी मुद्रा का क्रय-विक्रय आसान बनाने के लिए रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह ही इसकी सीमा बढ़ाने के साथ नियमों में ढील भी दी है। उसने घरेलू कंपनियों द्वारा एक बार में ईटीसीडी के जरिये डॉलर बनाम रुपया विनिमय की सीमा एक करोड़ अमरीकी डॉलर से बढ़ाकर डेढ़ अरब डॉलर कर दी है। वहीं यूरो-बनाम रुपया, पौंड बनाम रुपया तथा येन-बनाम रुपया में यह सीमा 50 लाख डॉलर तय की गई है। 
 
उल्लेखनीय है कि नियमों के मुताबिक एक्सचेंज के जरिए वायदा मुद्रा कारोबार सिर्फ डॉलर, यूरो, पौंड और येन के लिए ही किया जा सकता है। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने जरुरी कागजातों के नियमों को भी सरल बनाया है और अब ऑडिटर द्वारा सत्यापित कॉपी के बदले कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी या वित्तीय तथा लेखा विभाग के प्रमुख द्वारा दी गई स्वसत्यापित कॉपी ही इस उद्घोषणा के लिए पर्याप्त होगी कि कंपनी द्वारा किए जा रहे वायदा मुद्रा कारोबार के लिए वह सभी मानकों को पूरा करती है।
 
प्रवासी भारतीयों को इसकी अनुमति देने से पहले रिजर्व बैंक सुरक्षा को लेकर पूरी तैयारी कर लेना चाहता है। उसका कहना है कि नए नियमों के अनुभव के आधार पर ही वह कोई फैसला लेगा।
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