गैस की क़ीमत में हो सकती है 9 प्रतिशत की कटौती

Saturday, Mar 28, 2015 - 09:43 AM (IST)

नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गैस की कीमत में कमी आने से घरेलू बाजार में भी 1 अप्रैल से इसके दाम 9 प्रतिशत घटाकर 4.56 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) की जा सकती है जिसका फ़ायदा बिजली एवं उर्वरक उद्योग को होगा। सरकार ने पिछले साल अक्तूबर में प्राकृतिक गैस की क़ीमत वैश्विक औसत स्तर के अनुरूप बनाते हुए 5.05 डॉलर प्रति एमबीटीयू निर्धारित की थी।

सूत्रों के अनुसार 1 अप्रैल से ग्रॉस क्लैरोफ़कि वैल्यू (जी.सी.वी.) के आधार पर गैस की क़ीमत 4.56 एम.बी.टी.यू. पर आ सकती है। वहीं नैट क्लैरोफ़कि वैल्यू (एन.सी.वी.) के आधार पर गणना करने से इसके दाम मौजूदा 5.61 एमबीटीयू से कम होकर 5.01 एमबीटीयू पर आ जानी चाहिए। देश में गैस की क़ीमत में यह पहली कटौती होगी। हालांकि इससे तेल एवं गैस खोज और उत्खनन क्षेत्र की सरकारी कंपनी ओ.एन.जी.सी. और रिलायंस इंडस्ट्रीज के राजस्व में कमी आएगी, वहीं बिजली एवं उवर्रक क्षेत्र की कंपनियों का काफ़ी फ़ायदा होगा।

ग़ौरतलब है कि पिछले साल अक्तूबर में अपनाई गई प्रणाली के अनुसार घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम प्रति 6 माह पर अमरीका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नैशनल बैलेंसिंग प्वॉइंट, कनाडा के अलबर्टा और रूस की एक तिमाही की औसत क़ीमत के आधार पर तय की जाती है। इस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय हब में जनवरी से दिसंबर 2014 की औसत कीमत के आधार पर घरेलू बाजार में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक के लिए क़ीमत निर्धारित होगी।

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