गरीब और उद्योग दोनों के पक्ष में है बजट : जेतली

Saturday, Feb 28, 2015 - 05:10 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली ने संसद में आज वित्त वर्ष 2015-16 का बजट पेश करने के बाद कहा कि उन्होंने इसमें गरीबों और उद्योगों की जरूरतों तथा सरकार की वित्तीय सीमाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। 
 
जेतली ने बजट के बाद दूरदर्शन को दिए गये साक्षात्कार में कहा‘‘हमें गरीबों की चिंता भी करनी थी, राजस्व घाटा भी सीमित रखना था और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च करना था। मैंने बजट में संतुलन बनाने की कोशिश की है।‘’ उन्होंने कहा कि वह गरीबों और उद्योग दोनों के पक्ष में हैं।
 
उन्होंने कहा‘‘जब तक उद्योगपतियों से पैसा आयेगा नहीं गरीबों की सेवा कहाँ से होगी।‘‘ नौकरीपेशा लोगों के लिए आयकर में छूट की सीमा नहीं बढ़ाने के बारे में पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि देश मे आयकरदाताओं की संख्या सिर्फ साढ़े तीन से पौने चार करोड़ के बीच है जो आबादी का महज चार प्रतिशत है। ऐसे में कर में और छूट देना संभव नहीं था। 
 
उन्होंने कहा कि यह भी देखना होता है कि सरकार के पास वित्तीय मोर्चे पर कितना लचीलापन है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले साल सरकार ने आयकर में छूट की सीमा बढाई थी। वर्ष 2015-16 के बजट में आयकर छूट की सीमा नहीं बढ़ाई गई है, लेकिन स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में छूट की सीमा 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए करने और परिवहन भत्ते में छूट की सीमा 800 रुपए से बढ़ाकर 1600 रुपए कर उन्होंने इस वर्ग को भी राहत दी है। 
 
उन्होंने कहा कि देश की घरेलू बचत 36 प्रतिशत होनी चाहिये जो वर्तमान में गिरकर 29 प्रतिशत रह गई है। बचत करने के लिए लोगों को मजबूर करने का उन्होंने प्रयास किया है।  
 
जेतली के अनुसार आगामी वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार आठ प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है जो 2016-17 तक दहाई अंक में भी पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि यदि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि इसी दर से होती रही तो 10-12 साल में देश में गरीबी समाप्त हो जाएगी। 
 
सरकार ने अब एक नियामक संस्था बनाने का फैसला किया है जो उद्योगों तथा निवेश के लिए दिशा निर्देश जारी करेगा। कोई भी इन दिशा निर्देशों के अनुरूप बिना किसी पूर्वानुमति के निवेश कर सकता है, लेकिन इनके उल्लंघन पर उन पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पहले विदेशी और देशी निवेशक यहां की कर व्यवस्था देख कर भाग जाता था, देश में फैला भ्रष्टाचार देखकर भाग जाता था, लेकिन उनकी सरकार ने अपने 9 महीने के कार्यकार में देश की छवि सुधारने में काफी हद तक सफलता पायी है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पूरी तरह विश्वास बहाली में अीाी भी समय लगेगा। 
 
जेतली ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस प्रशासित राज्यों की बात करना अब पुराने जमाने की बात हो गई है। उनकी सरकार के समय गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दलों की सरकार वाले राज्यों को कहीं ज्यादा फायदा हुआ है। 
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