चीनी होगी कड़वी

Saturday, Feb 21, 2015 - 11:16 AM (IST)

नई दिल्लीः कच्ची चीनी के निर्यात पर सब्सिडी बढ़ाने के सरकार के फैसले से निकट भविष्य में चीनी की कीमतों में 2 रुपए प्रति किलोग्राम की बढ़ौतरी होने का अनुमान है। अक्तूबर में पेराई सत्र की शुरूआत के बाद से चीनी की कीमतें (मिल मूल्य) 4-5 रुपए प्रति किलोग्राम गिरकर 26.50 रुपए (महाराष्ट्र) और 23.50 रुपए (उत्तर प्रदेश में) प्रति किलोग्राम के आसपास चल रही थीं। चीनी अपनी उत्पादन लागत की तुलना में लगभग 25 फीसदी कम कीमत पर बिक रही है।
 
चीनी मिलों को सहारा देने के लिए केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को 14 लाख टन कच्ची चीनी के निर्यात पर 4,000 रुपए प्रति टन की सब्सिडी देने की घोषणा की। 
 
उद्योग को चालू पेराई सत्र के खत्म होने तक इसके लागू होने का पूरा भरोसा है, हालांकि सत्र खत्म होने में महज छह सप्ताह बचे हैं। रेणुका शुगर्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नरेंद्र मुरकुंबी ने कहा, ''यदि रियायत के सहारे अतिरिक्त चीनी का निर्यात होता है, तो घरेलू कीमतों में निश्चित रूप से तेजी आएगी।''
 
इसके अलावा पासवान ने राज्यों से एथेनॉल की आवाजाही में लचीलापन लाने और दूसरे राज्यों को शीरे की आपूर्ति से नियंत्रण हटाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही शीरे पर आयात-निर्यात शुल्क, चुंगी शुल्क हटाने का भी अनुरोध किया गया ताकि ईंधन में इसके 5 फीसदी मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
 
विशेषज्ञों का मानना है कि महाराष्ट्र ने अभी तक 65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि राज्य का 92 लाख टन चीनी का उत्पादन करने का लक्ष्य था। इसका मतलब है कि राज्य अभी लक्ष्य से 27 लाख टन पीछे है। यहां की चीनी मिलें बाकी सत्र में 10 लाख टन चीनी का उत्पादन आसानी से कर सकती हैं।
 
जेएम फाइनैंशियल के एक विश्लेषक अचल लोहाडे ने कहा, ''निर्यात पर सब्सिडी की उम्मीद में काफी अरसे से शेयर चढ़ रहे थे। पिछले कुछ महीनों में चीनी के शेयरों में 15 से 17 फीसदी तक की तेजी आ चुकी है। आज इसमें केवल 2-3 फीसदी गिरावट आई। इस प्रकार धारणा मजबूत बनी हुई है।''
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