हैकरों ने बैंकों से उड़ाए एक अरब डॉलर

Monday, Feb 16, 2015 - 03:23 PM (IST)

नई दिल्लीः सूचना प्रौद्योगिकी ने जहां सुविधाओं का विस्तार किया है वहीं इसके कुछ खतरे भी हैं और इसी का लाभ उठाते हुए हैकरों ने पिछले 2 वर्षों में दुनिया के एक सौ बैंकों से एक अरब डॉलर की चोरी की है।

एंटीवायरस बनाने वाली रूस की प्रमुख कंपनी कासपर्सकी ने कहा कि हैकरों के गैंग बैंक से सीधे चोरी करने का अनोखा तरीका ढूंढा है। ग्राहक बनकर कंपनियों या निजी बैंक खातों से पैसे निकाल लेते हैं। इस गैंग में यूरोप, रूस, यूक्रेन और चीन के हैकर शामिल हैं। उसने कहा कि वह विभिन्न देशों में ऐसी चोरी का खुलासा करने के लिए इंटरपोल, यूरोपोल और अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उसने इस गैंग को कारबनक नाम दिया है। उसने कहा कि कारबनक पहले से चुने गए लोगों को चकमा देने और उनके उनके मेलिसियस फाइल को खोलने के लिए क्राफ्टेड ईमेल आईडी का काफी चतुराई से इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद वह उनके आंतरिक नैटवर्क तक पहुंचने में कामयाब होते हैं और एडमिनिस्ट्रेटर कम्प्यूटर को हैक कर लेते हैं।

कासपर्सकी ने कहा कि हैकरों ने बैंक क्लर्कों के काम करने के तरीके सीखने के साथ ही उसकी नकल करते हैं। कारबनक खाते में जमा राशि को पहले बढ़ाते हैं उसके बाद उसकी चोरी करते हैं क्योंकि मूल राशि तो खाते में रहती ही है और खाताधारी को कोई शक भी नहीं होता है। उसने कहा कि हैकर एटीएम को कुछ दूरी से हैक करते हैं और उसे पूर्व निर्धारित समय में ही पैसे निकालने देने का कमांड देते हैं जिससे वह उतनी देर में पैसे निकाल लेते हैं।
 

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