2015 का यह आम बजट निवेशकों के लिए होगा खास

Thursday, Feb 05, 2015 - 12:26 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेतली इस बार आम बजट में ऐसे पैकेज से परदा उठा सकते हैं, जिससे इन्वेस्टमेंट से जुड़ा सेंटिमेंट मजबूत हो और विदेशी पूंजी के लिए इंडिया एक आकर्षक जगह के रूप में उभरे।
 
कुछ प्रॉडक्ट्स पर कस्टम्स ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है ताकि देश में मैन्युफैक्चरिंग को रफ्तार मिल सके। वहीं, फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के लिए मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स में बदलाव किए जा सकते हैं। साथ ही, इनडायरेक्ट ट्रांसफर्स पर पार्थो शोम समिति की कुछ सिफारिशों को लागू किया जा सकता है।
 
साल 2012-13 के बजट में जनरल एंटी-अवॉइडेंस रूल यानी GAAR को इंट्रोड्यूस किया गया था और फिर असेसमेंट इयर 2016 की पहली अप्रैल तक के लिए इसे टाल दिया गया था। इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार, इसे आगे टाला जा सकता है।
 
एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशल ने कहा, ''सोच यह है कि इन्वेस्टमेंट में रिवाइवल हो। घरेलू मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में इन्वेस्टमेंट की रफ्तार बढ़े और बाधाएं हटें।'' आम बजट 28 फरवरी को पेश किया जाएगा।
 
दमदार इकनॉमिक ग्रोथ के लिए इन्वेस्टमेंट में रिवाइवल जरूरी है, लेकिन डेटा से पता चल रहा है कि इस संबंध में कोई खास तेजी नहीं आ सकी है। फाइनैंशल इयर 2014 में ग्रॉस कैपिटल फॉर्मेशन महज 3% बढ़ा। इससे एक साल पहले इसमें 0.3% की गिरावट आई थी।
 
एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस संबंध में उठाए जाने वाले कदमों का इन्वेस्टर स्वागत करेंगे। क्रिसिल के चीफ इकनॉमिस्ट डी के जोशी ने कहा, ''प्राइवेट इन्वेस्टमेंट में अभी तेजी नहीं आई है। इसके लिए कुछ कदमों की जरूरत है।'' बजट तैयार कर रही टीम भी सावधानी बरत रही है। वह फाइनैंशल इयर 2013 के बजट में इनडायरेक्ट ट्रांसफर्स पर पिछली तारीख से टैक्स लगाने के प्रावधान जैसा कोई कदम उठाने से बचेगी, जिससे इन्वेस्टमेंट से जुड़ा सेंटिमेंट कमजोर हो।
 
इस संबंध में अंतिम फैसला तो बजट पेश करने की तारीख करीब आने पर ही किया जाएगा, लेकिन सरकार कई सेक्टर्स के लिए ड्यूटी स्ट्रक्चर और विदेशी निवेशकों के लिए टैक्सेशन का ढांचा बदलने पर विचार कर रही है।
 
फाइनैंस मिनिस्ट्री ज्यादा इन्वेस्टमेंट अलाउंस पर भी विचार कर रही है। इस स्कीम को जेटली ने अपने पहले बजट में पेश किया था।
फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स पर मिनिमम ऑल्टरनेट टैक्स के मामले में भी विचार किया जा रहा है। इनमें से कुछ निवेशकों को टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजे हैं। यह कदम तब उठाया गया, जब टैक्स ट्राइब्यूनल्स ने कुछ मामलों में टैक्स लगाए जाने का समर्थन किया था।
 
खेतान एंड कंपनी के पार्टनर संजय सांघवी ने कहा, ''टैक्स से जुड़े कुछ बड़े मुद्दों पर सरकार के सकारात्मक कदम से भारत के बारे में विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा।'' शोम पैनल ने लिस्टेड कंपनियों में शेयर ट्रांसफर्स को टैक्स के दायरे से बाहर रखने की सलाह दी थी। इस पर भी विचार किया जा सकता है।
 
Advertising