बजट में मैट को 10 '' किया जाए: एसोचैम

Friday, Jan 30, 2015 - 02:40 AM (IST)

नई दिल्ली: औद्योगिक संगठन एसोचैम ने बजट पूर्व ज्ञापन में प्रधानमंत्री को कर प्रणाली के संबंध में अहम सुझाव दिए हैं। एसोचैम के सुझाव निम्नलिखित हैं।

>  कानूनों में बदलाव करने से पहले कारोबारियों की राय लेनी चाहिए।
> कर तथा अधिभार मिलाकर अधिकतम 25 प्रतिशत हो।
> न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को 18.5 से घटाकर 10 प्रतिशत करने का सुझाव।
> 3 लाख की सीमा तक आय को कर मुक्त करने, 6 लाख तक 10 प्रतिशत, 12 लाख तक 20 प्रतिशत और इससे ऊपर 30 प्रतिशत कर लगाने की मांग की।
> स्वास्थ्य बीमा कर छूट सीमा 15,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपए प्रति वर्ष करने और होम लोन पर ब्याज छूट सीमा 2 से बढ़ाकर 3 लाख रुपए की जाए।     
 
राजनीतिक दलों पर भी लगे कर: एसोचैम
उद्योग संगठन एसोचैम ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले बेनामी चंदे पर भी कर लगाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए बजट पूर्व ज्ञापन में संगठन ने कहा है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले बेनामी चंदे के काला धन होने की आशंका ज्यादा है। चूंकि इस पैसे पर पहले कर नहीं दिया गया है इसलिए इसे भी कर के दायरे में लाया जाना चाहिए। उसने इस पर 30 प्रतिशत कर लगाने का सुझाव दिया है। उल्लेखनीय है कि फिलहाल आयकर कानून की धारा 13(ए) के तहत राजनीतिक दलों को आयकर नहीं देना पड़ता है।
 
एसोचैम के राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष (प्रत्यक्ष कर) वेद जैन ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी की स्थिति में उनके खिलाफ जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए। राजनीतिक दलों को धारा 139(4)(बी) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है लेकिन इसमें देरी करने के लिए फिलहाल कोई जुर्माना नहीं है जबकि चैरिटेबल ट्रस्टों और संस्थाओं को भी आयकर में छूट होने के बावजूद रिटर्न दाखिल करने में देरी करने पर उन पर जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने पिछली सरकार द्वारा पूर्व तिथि से कर कानून में संशोधन को संसद द्वारा रद्द करने का भी अनुरोध किया।
 
स्पैक्ट्रम की ऊंची कीमत दुर्भाग्यपूर्ण
एसोचैम के दूरसंचार परिषद अध्यक्ष टी.वी. रामचंद्रन ने कहा, ‘‘सरकार के स्पैक्ट्रम का आरक्षित मूल्य 3,705 रुपए प्रति मैगाहटर्ज तय करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि यह दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा अनुशंसा की गई कीमत से 35 प्रतिशत अधिक है इसलिए इसकी तत्काल समीक्षा की जानी चाहिए।’’ 
 
स्पैक्ट्रम की इस प्रकार की नीलामी से देश के आर्थिक विकास के उद्देश्य से आवश्यक माने जा रहे डाटा सेवाओं के विस्तार के लिए ऑप्रेटरों के पास कम राशि शेष रहेगी और इस सेवा को शुरू करने में उन्हें काफी मुश्किलें हो सकती हैं। स्पैक्ट्रम की ऊंची कीमत ऑप्रेटरों को खुदरा दाम में बढ़ौतरी करने को मजबूर करेगा जो लोगों के हित को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।       
 
Advertising