देश के किसी कोने में जाएं, नहीं बदलना पड़ेग नंबर

Sunday, Jan 25, 2015 - 10:40 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने टैलिकॉम कंपनियों से 3 मई तक फुल मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू करने के लिए नियमों का मसौदा जारी कर दिया है। पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी शुरू होने से मोबाइल ग्राहकों को देश के किसी भी कोने में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बदलने की छूट होगी। हालांकि, इस दौरान उनका मोबाइल नंबर वही रहेगा।
 
इस समय मोबाइल ग्राहकों को अपनी दूरसंचार कंपनी बदलने की छूट केवल सीमित दायरे में ही है। ग्राहक केवल एक दूरसंचार सर्किल में ही अपना सेवा प्रदाता बदल सकते हैं और ज्यादातर मामलों में यह एक राज्य तक ही सीमित है।
 
दूरसंचार विभाग ने 3 नवंबर 2014 को एम.एन.पी. लाइसैंस समझौते में संशोधन जारी करते हुये दूरसंचार कंपनियों से कहा था कि वह लाइसैंस में संशोधन होने की तिथि से छह माह के भीतर पूर्ण एमएनपी लागू करें।
 
ट्राई ने यहां जारी एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘पूर्ण मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) को अमल में लाने के लिए एम.एन.पी. नियमन 2009 (संशोधित रूप में) कुछ बदलाव करने होंगे। इस लिहाज से दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमन 2009 में संशोधन का प्रारूप तैयार किया गया है।’’
 
नए संशोधनों में ट्राई एक नया उपबंध जोड़ना चाहता है जिसमें पोस्ट पेड मोबाइल सेवा इस्तेमाल करने वालों के हितों का ध्यान रखा जाएंगा। ऐसे मोबाइल ग्राहकों को पुराने सेवा प्रदाता के सभी बकाए का भुगतान कर दिए जाने के बावजूद भी नए नैटवर्क में कनेक्शन कट जाने की समस्या का सामना करना होता है।
 
नियामक ने इस मामले में एक समयसीमा तय कर दी है जिसमें पुराने सेवा प्रदाता और नये सेवा प्रदाता को ग्राहकों के बकाए के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है ताकि ग्राहक को बाद में परेशानी नहीं हो। ट्राई ने एम.एन.पी. मसौदे पर आम जनता से 6 फरवरी 2015 तक उनके सुझाव मांगे हैं।
Advertising