बैंक नौकरी से पहले देखेंगे देनदारी

Wednesday, Jan 21, 2015 - 11:07 AM (IST)

नई दिल्लीः अगर आप कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाते हैं तो इससे न केवल आपको आगे कर्ज मिलने में परेशानी होगी बल्कि बैंकिंग क्षेत्र में करियर बनाने की आपकी आकांक्षा को भी झटका लग सकता है। कुछ निजी और विदेशी बैंक इस दिशा में सक्रियता दिखाते हुए नियुक्ति से पहले आवेदकों की जांच प्रक्रिया के तौर पर क्रेडिट इन्फॉर्मेशन लि. (सिबिल) जैसी कंपनियों की सूचनाएं भी जांच रही हैं और आवेदकों के क्रेडिट स्कोर देख रही हैं। इंडसइंड बैंक, डीबीएस बैंक सहित एक अन्य बैंक ने कहा कि वे नियुक्ति की पेशकश से पहले आवेदकों का सिबिल रिकॉर्ड की जांचते हैं।

 
इंडसइंड बैंक के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख जुबिन मोदी ने इस बात की पुष्टि की कि बैंक पिछले कुछ समय से आवेदकों की कर्ज पृष्ठïभूमि की जांच कर रहा है। कुछ बैंक जहां सभी तररह के कर्मचारियों के लिए ऐसा करते हैं, वहीं कुछ चुनिंदा जिम्मेदारी वाले पदों के लिए यह प्रक्रिया अपना रहे हैं। 
 
एक अन्य निजी बैंक के अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ''हम नियुक्ति से पहले आवेदकों के सिबिल स्कोर्स की जांच करते हैं, खासकर प्रशासनिक भूमिका के लिए नियुक्ति के समय इसका ध्यान रखा जाता है।'' 
 
बैंकरों का कहना है कि वित्तीय क्षेत्र को स्वच्छ बनाए रखने के लिए इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के कर्ज इतिहास की जांच करना महत्त्वपूर्ण है। ऐसे में अगर आपने बैंक से कर्ज लिया हो या सह-कर्जदार हों और उसका भुगतान नहीं किया हा या फिर क्रेडिट कार्ड का बकाया हो तब संभव है कि आपके लिए बैंकिंग क्षेत्र में नौकरी के दरवाजे बंद हो जाएंगे।
 
कुछ कर्जदाताओं ने कहा कि वे आवेदकों के सिबिल स्कोर को नहीं देखते हैं बल्कि वे क्रेडिट इतिहास को जांचते हैं। डी.बी.एस. बैंक इंडिया के एच.आर. प्रमुख किशोर पोदुरी ने कहा, ''हम स्कोर नहीं देखते हैं बल्कि हम यह देखते हैं कि कहीं आप सिबिल की डिफॉल्टर सूची में तो नहीं हैं।'' अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रक्र्रिया को आमतौर पर अपनाया जाता है लेकिन भारत में भी यह धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है।
Advertising