बम्पर फसल होने के बाद अरहर की कीमतें समर्थन मूल्य से भी नीचे

Saturday, Dec 31, 2016 - 12:16 PM (IST)

नई दिल्ली: रिकॉर्ड तेजी के कारण लगातार 2 साल तक सुर्खियों में रहने के बाद हाल के दिनों में अरहर और इसकी दाल के भाव तेजी से गिरे हैं। थोक बाजार में हफ्ते भर पहले इसके भाव 10,000 से 10,500 रुपए प्रति कि्वंटल थे। मौजूदा समय में ये टूट कर 8500-8600 रुपए तक आ गए हैं। हालांकि फुटकर में ग्राहकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। वजह यह है कि महंगी दाल लेकर थोक व्यापारी अब भी फंसे हुए हैं। पूंजी टूटने के डर से अब भी छोटे व्यापारियों को वे ऊंचे भाव पर माल दे रहे हैं।

महाराष्ट्र और कर्नाटक में बम्पर फसल 
करियाने के थोक और फुटकर कारोबारी संदीप के मुताबिक इस समय कर्नाटक और महाराष्ट्र की मंडियों में अरहर की बम्पर फसल आ चुकी है। अरहर दाल की तेजी के कारण केन्द्र और प्रदेश सरकारें लगातार परेशान थीं। यही वजह है कि केन्द्र ने अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा कर प्रति कि्वंटल 5050 रुपए कर दिया था। कुछ सरकारों ने इस पर अलग से प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की थी। इस सबके नाते खरीफ के सीजन में किसानों ने दलहन फसलों का रकबा बढ़ा दिया। इसमें सर्वाधिक 51 प्रतिशत बढ़ा रकबा अरहर का ही था।

संयोग से फसल भी अच्छी हुई
तैयार होने के बाद उत्पादक क्षेत्र की मंडियों में फसल आने के बाद से अरहर के भाव टूटे हैं। अरहर की कीमत तो समर्थन मूल्य से भी नीचे चली गई है। जानकारों की मानें तो अगले 2 हफ्तों में फसल आवश्यक चरम पर होगी तब भाव और घटेंगे। इसकी दूसरी वजह सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में आयातित दाल की उपलब्धता भी है।

चना अब भी 100 के पार
चने की तेजी जस की तस है। थोक और फुटकर में अब भी चना 100 रुपए प्रति कि.ग्रा. के ऊपर है। मौजूदा समय में गुणवत्ता के अनुसार थोक में चना 108 से 110 रुपए कि.ग्रा. के भाव है। फुटकर भाव 120 रुपए के करीब है। इसी तरह थोक में चना दाल के भाव 125-127 रुपए हैं। बेसन का भाव 150 या उसके पार है। चना रबी की फसल है। इसकी मांग भी ठीक-ठाक रहती है। नई फसल मार्च-अप्रैल में आती है। लिहाजा इसमें मंदी की संभावना कम है।

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