गेहूं और सरसों का रकबा पिछले साल से बेहतर

Saturday, Nov 05, 2022 - 02:03 PM (IST)

नई दिल्लीः दो मुख्य रबी फसलों गेहूं और सरसों की बोआई ने 4 नवंबर को समाप्त सप्ताह में और गति पकड़ी है। गेहूं का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 436 फीसदी बढ़ गया है। सरसों के मामले में, फसल आमतौर पर 64 लाख हेक्टेयर में बोई जाती है। इसमें से शुक्रवार तक करीब 46 लाख हेक्टेयर (76 फीसदी) में बोआई की जा चुकी है।

व्यापारियों ने कहा कि अगले 10-15 दिनों में सरसों की बोआई का अधिकांश काम पूरा जाना चाहिए जो कि एक बढ़िया संकेत है और अगर अगले कुछ महीने मौसम का साथ मिल जाता है तो बड़ी फसल सुनिश्चित होनी चाहिए। 

गेहूं के मामले में, शुरुआती बोआई के रुझान से संकेत मिलता है कि उत्तरी राज्यों जैसे राजस्थान, मध्य प्रदेश और यहां तक की गुजरात के किसान चना और दालों जैसी प्रतिस्पर्धी फसलों से गेहूं की ओर रुख कर रहे हैं। इससे रकबे में वृद्धि हो सकती है।

कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि इस साल भी गेहूं की ओर झुकाव बढ़ सकता है क्योंकि किसान पिछले साल की गलतियां नहीं दोहराना चाहते हैं, जब फसल के मौसम के अंत में अचानक तापमान बढ़ने से प्रति हेक्टेयर पैदावार कम हो गई थी। कुल मिलाकर, 4 नवंबर तक सभी रबी फसलों की बोआई 97.4 लाख हेक्टेयर में की गई है जो पिछले साल की समान अवधि से लगभग 17 फीसदी अधिक है।

इसी बीच, भारतीय मौसम विभाग ने अपने नवंबर के पूर्वानुमान में कहा है कि उत्तर भारत में तीव्र सर्दियां खत्म हो सकती है क्योंकि अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। जहां तक नमी के स्तर का सवाल है, मौसम विभाग ने कहा कि देशभर में मॉनसून के बाद की बारिश नवंबर में सामान्य से करीब  23 फीसदी अधिक होने की उम्मीद है क्योंकि देश के दक्षिणी हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है।  नवंबर में पूरे भारत में राष्ट्रीय औसत वर्षा लगभग 29.7 मिलीमीटर है।

बारिश से रबी की फसल की बोआई में और मदद मिलेगी। देश भर में अक्टूबर में सामान्य से लगभग 47 प्रतिशत अधिक बारिश होने के कारण मिट्टी की नमी का स्तर पहले से ही अच्छा है। इसीबीच, कीमतों के मोर्चे पर, खुले बाजार में दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में गेहूं के भाव करीब 2700 रुपए प्रति क्विंटल पर कारोबार कर रहे हैं, जो कुछ महीने पहले तक करीब 2400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोली जा रही थी।

मौजूदा बाजार मूल्य अगले सीजन के लिए संशोधित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी बहुत अधिक है, जो अप्रैल 2023 में शुरू होगा। जो 2125 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक है। भंडार के मोर्चे पर, 16 अक्टूबर को केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक करीब 2.21 करोड़ टन है जो एक अक्टूबर के बफर मानदंड से 8.34 फीसदी ज्यादा है। जबकि, चावल का भंडार 1.86 करोड़ टन है जो बफर मानदंड से 81 फीसदी अधिक है। वर्तमान केंद्रीय पूल में गेहूं का भंडार हाल के वर्षों में सबसे कम है।
 

jyoti choudhary

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