मित्तल की कंपनी को फिर से जबर्दस्त घाटा

Saturday, Feb 06, 2016 - 01:03 PM (IST)

लंदनः दुनिया की सबसे बड़ी इस्पात कंपनी आर्सेलरमित्तल को पिछले साल 2015 में करीब 8 बिलियन डॉलर (करीब 54,000 करोड़ रुपए) का घाटा हुआ है। शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए कंपनी ने इसके लिए कमोडिटी की कीमतों में गिरावट को जिम्मेदार बताया। उसने कहा कि लागत खर्चों में कटौती के स्तर पर वह लगातार प्रगति कर रही है। साल 2014 में भी कंपनी को 1.86 बिलियन डॉलर (करीब 12,564 करोड़ रुपए) का शुद्ध घाटा हुआ था। 

 

एनआरआई अरबपति लक्ष्मी निवास मित्तल की अगुवाई वाली कंपनी को दिसंबर में समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध घाटा बढ़कर 6.69 अरब डॉलर (करीब 45,190 करोड़ रुपए) पर पहुंच गया। वर्ष 2015 कंपनी के लिए काफी कठिन रहा है। साल के दौरान लौह अयस्क और इस्पात कीमतों में और गिरावट आई। 

 

कंपनी को एक साल पहले समान तिमाही में 95.5 करोड़ डॉलर (करीब 6,451 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ था। कंपनी की आमदनी तिमाही के दौरान 25 प्रतिशत घटकर 13.98 अरब डॉलर (करीब 94,434 करोड़ रुपए) रह गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 18.72 अरब डॉलर (करीब 1,26,453 करोड़ रुपए) थी। पूरे 2015 के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 7.9 अरब डॉलर (करीब 53,364 करोड़ रुपए) रहा है। इसमें 4.8 अरब डॉलर (करीब 32,424 करोड़ रुपए) का नुकसान विभिन्न प्रावधानों तथा 1.4 अरब डॉलर (करीब 9,457 करोड़ रुपए) का असाधारण खर्च की वजह से हुआ है।

 

कंपनी के प्रमुख लक्ष्मी निवास मित्तल ने कहा कि 2015 का साल इस्पात और खनन उद्योग के लिए काफी कठिन रहा है। हालांकि, प्रमुख बाजारों में हमारी मांग मजबूत बनी रही लेकिन चीन में सरप्लस कपैसिटी की वजह से कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई। कंपनी ने वाहन कलपुर्जा कंपनी जेस्टैंप ऑटोमोशन में अपनी 35 प्रतिशत हिस्सेदारी बहुलांश शेयरधारक रिबेरा परिवार को 97.8 करोड़ डॉलर (करीब 6,606 करोड़ रुपए) में करने की घोषणा की है। 

 

31 दिसंबर को समाप्त तिमाही में कंपनी का शुद्ध ऋण घटकर 15.7 अरब डॉलर (करीब 1,06,053 करोड़ रुपए) रह गया, जो 30 सितंबर, 2015 को 16.8 अरब डॉलर (करीब 1,13,484 करोड़ रुपए) था। कंपनी ने कहा है कि वह 2015 के वित्त वर्ष में कोई डिविडेंड नहीं देगी। इसके अलावा नकद कर भी कम करेगी।

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