गूगल, अमेजन और फेसबुक की कुल संपत्ति से ज्‍यादा है Apple का मार्केट कैप

Friday, Nov 04, 2022 - 06:08 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः आईफोन बनाने वाली टेक्‍नोलॉजी कंपनी ऐपल अपने प्रतिद्वंदियों से इतना आगे निकल गई है कि बाकी बड़ी कंपनियां उससे मीलों पीछे दिखाई देती हैं। याहू की ओर से जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस समय ऐपल का मार्केट कैप गूगल, अमेजन और फेसबुक के कुल नेटवर्थ से भी ज्‍यादा है यानी ये तीनों दिग्‍गज कंपनियां मिलकर भी ऐपल जितना कारोबार नहीं कर पा रही हैं।

सर्च इंजन याहू की ओर से जारी फाइनेशियल डाटा में बताया गया है कि ऐपल ने बुधवार को शेयर बाजार बंद होने तक 2.31 लाख करोड़ डॉलर (23.1 खरब डॉलर) का मार्केट कैपिटल बताया। इस समय गूगल की मूल कंपनी अल्‍फाबेट, फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा जिसमें इंस्‍टाग्राम और व्‍हाट्सएप भी शामिल हैं और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का कुल मार्केट कैपिटल 23 खरब डॉलर के आसपास था। मेटा की कमाई में इस साल बड़ी गिरावट आई है और जुकरबर्ग की संपत्ति भी कम हुई है।

किस कंपनी की कितनी पूंजी

अगर बुधवार के कारोबार को देखें तो बाजार बंद होने के समय अमेजन का कुल मार्केट कैप 939 अरब डॉलर और फेसबुक (मेटा) का 240 अरब डॉलर था। गूगल की मूल कंपनी अल्‍फाबेट का मार्केट कैप बुधवार को 11.26 खरब डॉलर था। इस दौरान ऐपल के शेयर अंत के कुल लम्‍हों में ही 0.16 फीसदी चढ़े और उसके मार्केट कैप में बड़ा उछाल आया। वहीं, अमेजन और मेटा के शेयरों को बड़ी गिरावट झेलनी पड़ी। अल्‍फाबेट ने तो 5.7 फीसदी का नुकसान झेला। ऐपल के शेयरों का भाव बुधवार को 138.88 डॉलर प्रति शेयर रहा जो एक समय 142.80 डॉलर तक पहुंच गया था।

तिमाही नतीजों ने लगाया पलीता

आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐपल के तिमाही नतीजों से बाजार काफी खुश नजर आया था और उसके शेयरों में 8 फीसदी का उछाल दिखने लगा। वहीं, प्रतिद्वंदी कंपनियों के तिमाही रिजल्‍ट देखकर निवेशक काफी निराश हुए। मेटा का रिजल्‍ट आने के बाद उसके शेयरों में 20 फीसदी गिरावट दिखी थी, जबकि अमेजन के शेयर 10 फीसदी नीचे आ गए थे। इतना ही नहीं अल्‍फाबेट के शेयरों में भी बड़ी गिरावट रही थी।
 
इस गिरावट से तीनों कंपनियों के मार्केट कैप को बड़ा नुकसान हुआ और अमेजन ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप वाले क्‍लब से बाहर हो गई थी। ऐपल को भारत में मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट लगाने की खबरों से भी बड़ा फायदा मिला। उसके बिजनेस और विस्‍तार योजना को निवेशकों ने पसंद किया, जिससे शेयरों की मांग बढ़ी और उसके भाव ऊपर चढ़ गए।

jyoti choudhary

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