पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने दिया यह जवाब

Monday, Apr 12, 2021 - 11:48 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः पेट्राेल-डीजल के बढ़ते दामाें के साथ ही इसे जीएसटी के दायरे में लाने काे लेकर मांग उठ रही है। इसे लेकर कुछ दिनाें पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया था। अब इसको लेकर एक अंग्रेजी चैनल से बात करते हुए वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कुछ संकेत दिए हैं। पेट्राेल-डीजल पर अलग-अलग राज्याें में ऊंचे टैक्स काे लेकर वित्त मंत्री ने कहा था कि अगर राज्य सहमत हाें ताे उन्हें इस बारे में आगे बढ़कर चर्चा करने का प्रस्ताव लाना चाहिए। उन्हें परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करके खुशी हाेगी।

ये बाेले अनुराग ठाकुर
अनुराग ठाकुर ने कहा कि पेट्राेल-डीजल पर टैक्स में केंद्र और राज्य दाेनाें ही हिस्सेदार हैं। जहां तक बात इसे जीएसटी के दायरे में लाने की है ताे अभी जीएसटी काउंसिल में इसे लेकर काेई मामला लंबित नहीं है लेकिन आने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में अगर राज्य इस पर चर्चा करना चाहें ताे हम खुले मन से इसका स्वागत करेंगे। देखा जाए ताे अनुराग ठाकुर ने भी काेई नई बात नहीं कही। वे भी वही कह रहे हैं जाे पहले निर्मला सीतारमण ने कहा था।

इतने रुपए सस्ता हाे जाएगा पेट्राेल
विशेषज्ञाें का कहना है कि पेट्राेल-डीजल काे जीएसटी के दायरे में लाने से आम लाेगाें काे ऊंची कीमताें से राहत मिल सकती है। जीएसटी से पेट्राेल घटकर 75 रुपए प्रति लीटर तक आ सकता है जबकि डीजल 68 रुपए लीटर।

केंद्र पर पड़ेगा इतना भार
पेट्राेल-डीजल काे जीएसटी के दायरे में लाने से केंद्र और राज्य सरकाराें के राजस्व पर एक लाख कराेड़ रुपए का बाेझ पड़ेगा जाे देश की जीडीपी का 0.4 फीसदी हाेगा।अर्थशास्त्रियाें ने कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल और डॉलर का मूल्य 73 रुपए प्रति डॉलर के आधार पर यह आकलन किया है। केंद्र और राज्य स्तरीय टैक्स से भारत में पेट्राेलियम पदार्थाें के दाम दुनिया में सबसे उच्चतर बने हुए हैं।

राज्य सरकार की बड़ी आमदनी पेट्राेल-डीजल टैक्स से
जानकार बताते हैं कि पेट्राेल-डीजल काे जीएसटी के दायरे में लाने के खुद केंद्र और राज्य सरकारें इच्छुक नहीं हैं। ऐसा इसलिए क्याेंकि पेट्राेलियम उत्पादाें पर सेल टैक्स, वैट आदि लगाना उनके लिए टैक्स राजस्व जुटाने का प्रमुख स्त्राेत है। वर्तमान में पेट्राेल की खुदरा कीमत में 60 फीसदी तक केंद्र और राज्य के टैक्स का हिस्सा है जबकि डीजल के खुदरा मूल्य में यह 54 फीसदी है। भारत में चार प्राथमिक जीएसटी रेट हैं- 5,12,18 और 28 फीसदी। यदि पेट्राेल-डीजल काे 28 फीसद वाले स्लैब में भी रखे तब भी माैजूदा दराें से काफी कमी आ सकती है।

jyoti choudhary

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