Antitrust case: अमेरिका ''मोनोपोलिस्टिक'' Google को तोड़ने पर कर रहा है विचार

punjabkesari.in Friday, Aug 16, 2024 - 01:11 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका के न्याय विभाग ने गूगल (Google) को तोड़ने का प्रस्ताव विचाराधीन रखा है, इसके बाद एक अदालत ने कंपनी को ऑनलाइन सर्च मार्केट में मोनोपॉली (monopolistic) का दोषी ठहराया। पिछले दो दशकों में माइक्रोसॉफ्ट को तोड़ने के असफल प्रयासों के बाद, यह कदम अमेरिका का पहला प्रयास होगा किसी कंपनी को अवैध मोनोपोलाइजेशन के लिए तोड़ने का। 

कम कठोर विकल्पों में गूगल को प्रतिस्पर्धियों के साथ अधिक डेटा साझा करने और AI उत्पादों में अनुचित लाभ प्राप्त करने से रोकने के उपाय शामिल हैं। न्याय विभाग विशेष अनुबंधों पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेगा, जो गूगल के मामले का केंद्र रहे हैं।

संभावित विभाजन

यदि गूगल को तोड़ा जाता है, तो सबसे संभावित विभाजन एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल का वेब ब्राउजर क्रोम हो सकता है। अधिकारियों ने एडवर्ड्स की बिक्री पर भी विचार किया है।

अदालत का निर्णय

जज अमित मेहता ने 5 अगस्त को फैसला सुनाया कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च और सर्च टेक्स्ट विज्ञापन बाजारों में अवैध मोनोपॉली जमा ली है। गूगल इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा और सरकार को प्रतिस्पर्धा बहाल करने के प्रस्ताव के लिए दूसरे चरण की योजना बनाने का आदेश दिया गया है।

शेयरों में गिरावट

अल्फाबेट के शेयर बुधवार को प्रीमार्केट ट्रेडिंग में 1.4% गिरकर $161.95 पर आ गए।

विशेषज्ञों की चिंताएं

न्याय विभाग के वकीलों ने गूगल की सर्च डॉमिनेंस को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) टेक्नोलॉजी के विकास में लाभकारी बताया है और इस पर रोक लगाने के उपाय सुझाए हैं।

एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को विभाजित करने की योजना पर चर्चा की जा रही है, जो लगभग 2.5 बिलियन डिवाइसेस पर उपयोग होता है।

पिछला मामले

मेहता ने पाया कि गूगल डिवाइस निर्माताओं को अपने ऐप्स जैसे जीमेल और गूगल प्ले स्टोर तक पहुंच प्राप्त करने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता करता है।

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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