सामने आई एक और खामी, कोई भी डाउनलोड कर सकता है आपका आधार डाटा

Saturday, Mar 24, 2018 - 04:16 PM (IST)

जालंधरः यदि आपने अपने आधार कार्ड की जानकारी किसी दुकान या कंपनी में दे रखी है तो सावधान हो जाएं। आधार कार्ड को लेकर अब नई खामी सामने आई है। जिसके कारण डाटा सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और यूजर्स डाटा प्राइवेसी एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गई है। न्यूयॉर्क की बिजनेस टेक्नोलॉजी वैबसाइट ZDNet ने अाधार डाटा बेस के लीक होने का खुलासा किया है। ZDNet ने भारत के राष्ट्रीय डाटा बेस पर कई सवाल खड़े किए हैं।

डाउनलोड हो सकता है आपका आधार डाटा
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के सिक्योरिटी रिसर्चर करन सैनी ने एक सरकारी यूटिलिटी कंपनी, जिसके पास आधार डाटाबेस का एक्सेस है, के सिस्टम में पाया कि यहां से सभी आधार कार्ड यूजर्स की निजी जानकारियों को डाउनलोड किया जा सकता है।यूटिलिटी कंपनी का अर्थ बिजली, नेचुरल गैस, या पानी जैसी सेवाएं देने वाली कंपनी से है। यह कंपनी एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफ़ेस (एपीआई) के प्रयोग कर ग्राहक की स्थिति की जांच और उनकी पहचान का रिकॉर्ड रखती है। लेकिन एपीआई सुरक्षित न हेने के कारण  कोई भी व्यक्ति जो यह जानता हो कि आप क्या करते हैं वो आपकी पूरी जानकारी जैसे नाम, कंज़्यूमर नंबर और यहां तक कि बैंक खाते की डिटेल से जुड़ी पूरी जानकारी को डाउनलोड कर सकता है।

दूतावास से संपर्क करने पर भी नहीं मिला कोई जवाब
ZDNet ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि इस मामले को लेकर उसने भारतीय अथॉरिटीज से एक महीने से ज्यादा बार संपर्क किया लेकिन उसके ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया गया। फिर उसने नयूय़ॉर्क में भारतीय दुतावास से संपर्क किया और उन्हें इसके बारे में जानकारी दी। उन्होंने इन सवालों का जवाब देने के लिए लगभग दो हफ्ते का समय लिया। रिपोर्ट छापने से पहले ZDNet ने दुतावास को बताया कि हम यह रिपोर्ट छापने जा रहे हैं और हमें भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया चाहिए। लेकिन दुतावास ने आखिरी ईमेल का भी कोई जवाब नहीं दिया।

बायोमेट्रिक डाटा किसी के साथ शेयर नहीं किया जाताः UIDAI
हालांकि यूआईडीएआई ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में ‘आधार’ को पूरी तरह सुरक्षित बताया। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आधार का सभी डाटा 2048 बिट एनक्रिप्शन के साथ सुरक्षित है। एक ‘एनक्रिप्शन की’ को तोड़ने के लिए पूरे ब्रह्मांड की उम्र लग सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि एक आधार कार्ड को बनाने में एक डॉलर से भी कम खर्च आया है और इस प्रोजेक्ट पर सरकार ने नौ हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। बायोमेट्रिक सॉफ्टवेयर बाहर से मंगाया गया है, लेकिन इसका डाटा कंट्रोल सरकार के पास ही है। इसके साथ ही आधार के सर्वर को इंटरनेट से नहीं जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि बायोमेट्रिक डाटा किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता है सिर्फ केवाईसी के लिए निजी जानकारी साझा की जाती है।

आधार की सुरक्षा पर द ट्रिब्‍यून भी उठा चुका है सवाल
आपको बता दें कि रचना खैरा (द ट्रिब्‍यून) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुछ लोग पैसे लेकर आधार नंबर बेच रहे हैं, उनकी रिपोर्ट में एक अज्ञात व्‍यक्ति द्वारा केवल 500 रुपए के बदले व्‍हॉट्सएप पर आधार नंबर मुहैया कराने का दावा किया गया था, यही नहीं जब उस अज्ञात व्यक्ति को 300 रुपए और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिए किसी भी व्‍यक्ति के आधार को प्रिंट किया जा सकता था।

Punjab Kesari

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