अघोषित संपत्ति का पता लगाएं टैक्स अधिकारी: PM मोदी

Saturday, Sep 02, 2017 - 08:41 AM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर अधिकारियों से अघोषित संपत्ति का पता लगाने के लिए आंकड़ों के विश्लेषण का उपयोग करने और 2022 तक कर प्रशासन में सुधार के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय करने को कहा। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर अधिकारियों के दूसरे सालाना संयुक्त सम्मेलन ‘राजस्व ज्ञान संगम’ का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कर अधिकारियों से लंबित मामलों का निपटान करने और ऐसा माहौल बनाने को कहा है जिससे ईमानदार करदाताओं के बीच भरोसा बढ़े और भ्रष्टाचार जड़ से समाप्त हो।

कार्य प्रणाली में लाया जाए सुधार
उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) से दो महीने के भीतर 17 लाख नए व्यापारी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आए। प्रधानमंत्री ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार जी.एस.टी. का लाभ कीमतों में कमी के रूप में आम लोगों तक पहुंचना चाहिए और साथ ही 20 लाख रुपए से कम के कारोबार वाले भी नई प्रणाली में पंजीकृत हों। मोदी ने अधिकारियों से अपनी कार्य संस्कृति में सुधार लाने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को देश में कर प्रशासन में आजादी की 75वीं वर्षगांठ 2022 तक सुधार लाने के लिए निश्चित रूप से स्पष्ट लक्ष्य तय करना चाहिए।

ई-आकलन पर दिया जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मई 2014 में सत्ता आने के बाद से ही करदाताओं को आश्वासन देते रहे हैं कि वह जवाबदेही और उत्तरदायित्व निर्धारित करके करदाताओं में अधिकारियों को लेकर जो डर है, उसे समाप्त करेंगे। इस संबंध में जो उपाय किए गए हैं, उसमें भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए करदाताओं और अधिकारियों के बीच कम-से-कम आमना-सामना सुनिश्चित किया जाना शामिल है। इसके लिए रिटर्न की आसान ऑनलाइन फाइलिंग और दावा राशि की वापसी के साथ कागज रहित ई-मेल आधारित ई-जांच शामिल है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा कि कर प्रशासन में मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम हो। उन्होंने ई-आकलन पर जोर देने और प्रौद्योगिकी का उपयोग कर चुपचाप कार्यवाही करने को कहा ताकि निहित स्वार्थी तत्व कानून में बाधा नहीं डाल पाएं।’’      

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