अमूल ने कृत्रिम गर्भाधान सेवा का डिजिटलीकरण करने का फैसला किया

Saturday, Aug 15, 2020 - 10:46 AM (IST)

मुंबई: डेयरी कंपनी, अमूल ने कहा कि वह अपने परिचालन के क्षेत्रों में दुधारू मवेशियों के कृत्रिम गर्भाधान की सेवाओं का डिजिटलीकरण करने का फैसला किया है। सहकारी कंपनी गुजरात कोपरेटिकव दुग्ध विपणन महासंघ अमूल नाम से अपने डेयरी उत्पादों का विपणन करती है।



अमूल ने एक बयान में कहा कि 25 ग्राम दुग्ध उत्पादक सोसायटी में कृत्रिम गर्भाधान सेवा का डिजिटलीकरण वर्ष 2019 के दौरान प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया था और एक वर्ष तक इसकी निगरानी और अध्ययन किया गया था। अमूल डेयरी, आनंद के प्रबंध निदेशक अमित व्यास ने कहा कि कार्यात्मक और परिचालन परिणाम प्राप्त करने के बाद, अमूल डेयरी मिल्क शेड क्षेत्र के सभी 1,200 ग्राम स्तरीय दूध उत्पादक समितियों को डिजिटलकरण के दायरे में लाया जायेगा।



कृत्रिम गर्भाधान सेवा के डिजिटलीकरण से दुग्ध उत्पादकों को त्वरित सेवा मिलेगी और साथ ही दुधारू पशुओं की जानकारी भी मोबाइल सॉफ्टवेयर प्रणाली में संग्रहीत की जाती है और इसका विश्लेषण किया जा सकता है।व्यास ने आगे कहा कि अमूल डेयरी मिल्क शेड क्षेत्र के सभी ग्राम दुग्ध उत्पादक समाजों के सदस्यों से इस पद्धति को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।



मौजूदा समय में, 4,500 से अधिक कृत्रिम गर्भाधान कॉल का पंजीकरण अमूल कॉल सेंटर द्वारा प्रतिदिन किया जाता है। अमूल डेयरी अपने ‘मिल्कशेड’ क्षेत्र में सालाना 10 लाख से अधिक कृत्रिम गर्भाधान प्रक्रिया संपन्न करती है। व्यास ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से, पारदर्शी जानकारी के साथ-साथ इसके विश्लेषण का उपयोग पशुपालन के बारे में सटीक निर्णय लेने और इस व्यवसाय को फलने-फूलने के लिए किया जा सकता है।


 

rajesh kumar

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