आम्रपाली ने 200 कम्पनियां बनाकर की हेराफेरी

Sunday, Nov 04, 2018 - 11:18 AM (IST)

नई दिल्लीः आम्रपाली समूह के कारनामों ने सुप्रीम कोर्ट को भी हैरत में डाल दिया है। फोरैंसिक आडीटर्स ने कहा है कि आम्रपाली ने 200 से अधिक कम्पनियां बनाकर भारी हेराफेरी की। इस बात की प्रबल संभावना है कि आम्रपाली निर्माण कार्य के अलावा अन्य अवांछनीय गतिविधियों में लिप्त है। 

जस्टिस अरुण मिश्रा और उदय उमेश ललित की बैंच ने कहा कि फोरैंसिक आडीटर्स की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। ऐसे तथ्य जिनका जिक्र हम अदालत में नहीं कर सकते। लेखा परीक्षकों ने अदालत को बताया कि आम्रपाली के निदेशक, सी.ए. और सी.एफ.ओ. पूरी जानकारी नहीं दे रहे हैं। 

उन्होंने अपनी जांच में जो सबूत जुटाए हैं, उससे पता चलता है कि 200 से अधिक कम्पनियां सृजित की गई हैं। इन फर्जी कम्पनियों के जरिए मोटी रकम इधर से उधर की गई। भारी रकम बहुराष्ट्रीय वित्तीय कम्पनी जे.पी. मोर्गन में वाया मारीशस तथा सिंगापुर भेजी गई। 

राशि ठिकाने लगाने के लिए भेजी गई देश से बाहर 
अदालत में मौजूद फोरैंसिक आडीटर पवन अग्रवाल को सुनने के बाद बैंच ने टिप्पणी की कि आम्रपाली भवन निर्माण में कार्यरत थी या उसका कोई और धंधा भी है। लेखा परीक्षक ने कहा कि अभी तक की जांच से पता चलता है कि मकान खरीदारों से प्राप्त अथाह राशि को ठिकाने लगाने के लिए इसे देश से बाहर भेजा गया। अदालत ने कहा कि करोड़ों रुपए की हेराफेरी से धन शोधन की बू आती है। लगता है कि आम्रपाली समूह धन शोधन के धंधे में लिप्त था।

आम्रपाली ने  सी.एफ.ओ. को भेंट की कार
सी.एफ.ओ. चंद्र वधवा को 43 लाख रुपए मूल्य की बी.एम.डब्ल्यू. कार उपहार में देने की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सी.एफ.ओ. अदालत में हकीकत बयां नहीं कर रहा है। कोर्ट में मौजूद वधवा से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि बी.एम.डब्ल्यू. भेंट में मिलने की बात उसने पहले क्यों नहीं बताई। इस पर वधवा ने कहा कि हलफनामे में उसने यह बात कही है। आम्रपाली ने उसकी सेवाओं से खुश होकर उसे कार भेंट की थी। कम्पनी ने वधवा का 2 करोड़ रुपए का निजी आयकर भी भरा था।

jyoti choudhary

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