मजाक-मजाक में बन गया करोड़पति

Saturday, Oct 01, 2016 - 05:23 PM (IST)

नई दिल्लीः कोलकाता के सामान्य परिवार में उसका जन्म हुआ और बचपन धनबाद में बीता। पिता उसे इंजीनियर बनाना चाहते थे लेकिन पढ़ाई में मन नहीं लगा। फेल भी हुआ और एक दिन शर्म से धनबान छोड़ दिया और भागकर दिल्ली में स्लम में रहने लगा। उस वक्त उम्र महज 15 साल थी। हम बात कर रहे हैं अंबरीश की जो कि ब्लिपर कंपनी का मालिक है। आज अंबरीश महज 5 सालों में 10 हजार करोड़ रुपए की कंपनी के मालिक हैं। अंबरीश की कहानी भी काफी कुछ स्लमडॉग मिलियनेयर जैसी ही है। 

एक आइडिया से पलट गई किस्मत
एक दिन उसकी नजर एक अंग्रेजी अखबार के विज्ञापन पर पड़ी। उस विज्ञापन में ई-बिजनैस से जुड़ा आइडिया मांगा गया था। कंप्यूटर और इंटरनैट में शुरू से ही दिलचस्पी थी। दिमाग दौड़ाना शुरू किया और महिलाओं को मुफ्त इंटरनैट का आइडिया भेज दिया और किस्मत पलट गई और उसे 5 लाख रुपए का इनाम मिल। यह आइडिया था महिलाओं के लिए वैब पोर्टल 'वुमेन इन्फोलाइन डॉट कॉम'। अंबरीश वह पैसे लेकर इंगलैड चला गया।

वन टाइम वंडर होने का एहसास
वहां एक टैक्नोलॉजी शुरू की उसमें अपनी सारी पूंजी खर्च कर दी लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद एक बीमा कंपनी ज्वाइंन की तब तक वह 30 साल के हो चुके थे। उनको लगा कि वन टाइम वंडर बनकर रह गए हैं। इस बीच शराब की लत लग चुकी थी। एक दिन अपने दोस्त अमार तैयब के साथ पब में बैठे थे और काऊंटर पर कुछ पाऊंड रखे औक मजाक में कहा, 'कितना अच्छा होता कि इस नोट से महारानी एलिजाबेथ बाहर आ जाती।' यही मजाक बिजनैस आइडिया बन गया। 

एक मजाक से बनी 10 हजार करोड़ की कंपनी
अंबरीश बताते हैं कि पब में ही उमर ने मेरी फोटो ली और उसे महारानी की फोटो पर सुपरइंपोज कर दिया। फिर हमने इस एप्प को डेवलप किया और इस तरह ‘ब्लिपर’ कंपनी का जन्म हुआ। आज ब्लिपर के 12 जगहों पर ऑपिस है। कंपनी 650 करोड़ रुपए का निवेश जुटा चुकी है। इसने जगुआर, यूनिलीवर, नेस्ले जैसी कंपनियों के साथ टाइ-अप किया है। 

2011 में ब्लिपर लांच
अंबरीश ने 2011 में ब्लिपर लांच की थी। आज 170 देशों में ब्लिपर के 6.5 करोड़ यूजर्स हैं। ब्लिपर के एप्प भी काफी लोकप्रिय हो रहे हैं। ब्लिपर मोबाइल फोन एप्प के कारोबार की दुनिया में अब एक प्रमुख नाम बन चुकी है। 
 

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