एमेजॉन की ऑनलाइन फॉर्मेसी के प्लान पर बवाल, दवा दुकानदारों ने किया विरोध

Saturday, Aug 15, 2020 - 05:26 PM (IST)

नई दिल्ली: दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने कुछ दिन पहले ऑनलाइन फॉर्मेसी में उतरने की घोषणा की, जिसके बाद से ही दवा दुकानदारों में खलबली मची हुई है। एमेजॉन बेंगुलुरू से ऑनलाइन फॉर्मेसी शुरू करने वाली है परन्तु दवा दुकानदारों ने इसका पूरजोर विरोध किया है। उन्होंने वाकयदा एमेजॉन कंपनी के मालिक जेफ बेजोस को चिट्ठी लिखी है। 



दवा दुकानदारों ने किया विरोध
ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगस्टिस (AIOCD) के प्रेसिडेंट जेएस शिंदे ने इसे गैरकानूनी करार दिया है। दूसरी ओर एमेजॉन का कहना है कि वह बेंगलुरू में ऑनलाइन फार्मेसी में कदम रखने जा रही है। इसके जरिए ओवर द काउंटर मेडिसिन, बेसिक हेल्थ डिवाइस और सर्टिफाइड आयुर्वेद दवा कंपनियों की दवा बिक्री की जाएगी। दवा दुकानदारों ने एमेजॉन के इस कदम का विरोध किया और कहा कि भारत में दवा बेचने के लिए रिटेलरों को लाइसेंस की जरूरत होती है। जिस भी राज्य में दवा बेचनी है वहां के राज्य से लाइसेंसे की जरूरत होती है। ऐसे में एमेजॉन के मार्केट प्लेस में जो भी दवा बेचेगा उसे लाइसेंस की जरूरत पड़ेगी।



एमेजॉन की यह पायलट स्कीम 
एमेजॉन का कहना है कि सरकार ने हमें कोविड-19 महामारी के दौरान दवाइयों की होम डिलीवरी करने की इजाजत दी है। हमने भी ऑनलाइन दवा बिक्री के पूरी तैयारी कर ली है। अब इस स्पेस में प्रवेश के लिए कानूनी तौर पर तैयार हैं। लेकिन अभी यह साफ नही है कि यह अमेजन का पायलट प्रोजेक्ट है या इसका विस्तार होगा। बता दें कि देश में इस वक्त वन एमजी, नेटमेड्स, मेडलाइफ और फार्मईजी जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में काम कर रही हैं, जो ऑनलाइन खरीददारी कने वाले ग्राहकों को उनके घरों तक दवाइयां पहुंचा रही है।



देश में फ्लिपकार्ट और जियोमार्ट जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों से लगातार मिल रही टक्कर के चलते एमेजॉन ने भी इस क्षेत्र में उतरने का फैसला किया है। इसके तहत कंपनी अपने बडे कस्टमर बेस का फायदा उठाना चाहती है। कंपनी ने बीते महीने भारत में 10 नए वेयरहाउस भी खोले हैं।

 

 

rajesh kumar

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