एयरटेल, वोडा ने नैटवर्क परीक्षण को लेकर TRAI पर सवाल खड़े किए

Wednesday, Jun 21, 2017 - 11:21 AM (IST)

नई दिल्लीः दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने मोबाइल नैटवर्क परीक्षण नियमावली में सुधार पर ट्राई के हाल के दस्तावेज के समय पर सवाल खड़ा किया है और कहा कि यह कदम रिलयांस जियो द्वारा किए गए नुकसान के बाद की लीपा पोती है। वैसे मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस जियो ने इन आरोपों का खंडन किया। उसने कहा कि इन कंपनियों ने वर्तमान नियमों में स्पष्टता के बावजूद नैटवर्क परीक्षण पर एक एेसा मुद्दा खड़ा किया जिसका कोई अर्थ नहीं है। उसने कहा कि वर्तमान व्यवस्था की सभी अस्पष्टताओं को दूर करना जरूरी है।   

एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया ने जीएसएम सेवा कंपनियों के मंच सीआेएआई के बैनर तले अगस्त 2016 में आरोप लगाया था कि रिलायंस जियो परीक्षण कनैक्शन की आड़ में पूरी सेवाएं प्रदान कर नियमों का उल्लंघन कर रही है और उसने दूरसंचार विभाग से रिलायंस जियो द्वारा 15 लाख ग्राहकों को दिए गए सभी कनैक्शनों को तत्काल बंद करने का अनुरोध किया था। उस वक्त जियो परीक्षण के तौर पर मुफ्त असीमित 4जी डाटा सेवाएं और व्वायस कॉल दे रही थी। 

रिलायंस समूह की कंपनी ने 5 सितंबर, 2016 को अपनी वाणिज्यिक सेवा शुरू की थी।  रिलायंस जियो ने इन आरोपों को दुर्भावनापूर्ण, बेबुनियाद, गलतफहमी करार दिया था। एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया तथा रिलायंस जियो के बीच टकराव के बाद दूरसंचार विभाग और ट्राई के बीच पत्राचार हुआ। नियामक ने नैटवर्क परीक्षण नियमावली में सुधार के लिए इस साल एक मई को परामर्श पत्र जारी किया।  

एयरटेल ने ट्राई से कहा है कि वर्तमान दिशानिर्देश में कोई अस्पष्टता नहीं है तथा इस परामर्श पत्रा की कोई प्रासंगिकता नहीं है क्योंकि नुकसान तो पहले ही हो चुका है।  उसने कहा कि वर्तमान नियम स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि ग्राहकों के पंजीकरण को सेवाओं की वाणिज्यिक शुरूआत से पहले इजाजत नहीं मिलनी चाहिए तथा नियामक इन नियमों के उल्लंघन के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं की। उसने कहा कि नई कंपनी ने इन दिशानिर्देशों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन किया। हम इस बात से दंग है कि नई कंपनी के खिलाफ कार्वाई करने के बजाय ट्राई ने इस मुद्दे पर परामर्श पत्र जारी कर दिया।  

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