अगस्त से बढ़ सकता है हवाई किराया

Friday, Jul 01, 2016 - 07:26 PM (IST)

नई दिल्लीः देश के मुख्य हवाई मार्गों पर इस साल 01 अगस्त से किराया बढ़ सकता है। ऐसा क्षेत्रीय संपर्क योजना (आर.सी.एस.) के लिए कोष जुटाने के उद्देश्य से अतिरिक्त शुल्क लगाए जाने के कारण होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 जून को राष्ट्रीय नागर उड्डयन नीति को मंजूरी दी थी। इसमें मझौले तथा छोटे शहरों को हवाई नैटवर्क से जोडऩे के लिए तथा इन शहरों के संभावित ग्राहकों वास्तवित हवाई यात्रियों में बदलने के लिए सरकार ने आर.सी.एस. की घोषणा की थी। 

 

नीति में कहा गया है कि आर.सी.एस. के लिए कोष जुटाने के लिए सरकार बड़े शहरों के पहले से विकसित हवाई मार्गों पर अतिरिक्त शुल्क लगाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज आर.सी.एस. का प्रारूप जारी करने के मौके पर इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि 01 अगस्त से यह शुल्क लगाया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि यह शुल्क कितना होगा। उन्होंने कहा कि यह काफी कम होगा और इसकी दर बाद में तय की जाएगी।

 

उल्लेखनीय है कि आर.सी.एस. योजना के तहत मझौले तथा छोटे शहरों के जिन नए या पुराने हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा, वहां से या वहां के लिए उड़ान भरने पर अधिकतम किराया तय होगा। यह योजना 201 से 800 किलोमीटर तक की दूरी की उड़ानों के लिए ही मान्य होगी। अधिकतम किराया तय होने से विमान सेवा कम्पनियों को होने वाले नुक्सान की भरपाई के लिए सरकार ने वाएबिलिटी गैप फंडिंग (वी.जी.एफ.) की व्यवस्था की है। इसके लिए मुख्य एवं विकसित मार्गों की उड़ानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाकर कोष तैयार किया जाएगा। 

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