एयरबस यूरोप में करेगी 3,700 नौकरियों में कटौती

Saturday, Mar 10, 2018 - 05:17 AM (IST)

जालंधर(अनिल सलवान): विमान बनाने वाली यूरोपियन कम्पनी एयरबस ने बुधवार को घोषणा की कि वह अपने 380 सुपरजम्बो और ए-400 एम. ट्रूप करियर की मांग में कमी के कारण 3,700 पदों का ट्रांसफर करेगी या नौकरियों में कटौती करेगी। 

एयरबस (ई.ए.डी.एस.एफ.) ने कहा कि यह कदम फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और ब्रिटेन में काम करते कुल कर्मचारियों के 3 प्रतिशत को प्रभावित करेगा। बोइंग (बी.ए.) के बड़े यूरोपीय प्रतिद्वंद्वी ने कहा कि वह इस नौकरी में कटौती से प्रभावित सभी कर्मचारियों को दूसरे मौके का प्रस्ताव देगा। कम्पनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसकी फिर समीक्षा 3 साल बाद होगी। जर्मनी में एयरबस कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाले यूनियन के निदेशक युरगन केरनर ने कहा कि यह घोषणा कर्मचारियों के लिए परेशानी पैदा करने वाली है। 

उन्होंने कहा कि कम्पनी की आर्डर बुक काफी हद तक ठीक है और वह प्रभावित मजदूरों को वैकल्पिक रोजगार की पेशकश करने में समर्थ होनी चाहिए। इस संबंधी हमारी यूनियन बात करने के लिए तैयार है। उधर ब्रिटिश यूनियन यूनीटैक ने कहा कि वह स्थिति पर बारीकी से नजर रखेगा। वहीं वर्ष 2020 तक ए-400 एम. का उत्पादन 15 से कम कर 8 तक हो जाएगा जबकि 2020 में सिर्फ 20 ए-380 बनाए जाएंगे। डबल डैकर ए-380 को 25 बिलियन डॉलर की लागत से विकसित करने में 15 साल लग गए, परन्तु आर्डर कम्पनी की उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। कम्पनी ने 200 से ज़्यादा विमानों को डिस्ट्रिब्यूट किया है, यह उम्मीद किए जा रहे 1,200 विमानों का सिर्फ एक हिस्सा था। सभी जहाज दुबई स्थित करियर अमीरात गए थे। 

‘एयरबस भारत में हर हफ्ते एक विमान की करेगी आपूर्ति’
विमान बनाने वाली यूरोपीय कम्पनी एयरबस को अगले 10 साल तक हर हफ्ते भारत में औसतन एक विमान की आपूर्ति करने की उम्मीद है। कंपनी का अनुमान है कि भारतीय विमानन कंपनियों को अगले 20 साल में 1,750 नए विमानों की जरूरत होगी। एयरबस कमर्शियल एयरक्राफ्ट के भारतीय कारोबार के अध्यक्ष श्रीनिवासन द्वारकानाथ ने यहां विंग्स इंडिया कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘भारत को अगले 2036 तक कुल 255 अरब डॉलर मूल्य के 1,750 नए विमानों की जरुरत होगी। इसमें1,320 विमान छोटे एकल गलियारे वाले और 430 बड़े आकार के होंगे। 

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