एयर इंडिया ने सरकार से मांगा 2000 करोड़ का अति‍रि‍क्‍त फंड, मानसून सत्र में मंजूरी की उम्‍मीद

Sunday, Jun 10, 2018 - 10:42 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः नकदी के संकट से जूझ रही एयर इंडिया ने सरकार से करीब 2,000 करोड़ रुपए की अति‍रि‍क्‍त फंडिंग मांगी है। यह जानकारी कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। अधि‍कारी ने कहा कि‍ बीते 3 माह से कर्मचारि‍यों की सैलरी अटली हुई है। इस स्‍थि‍त से बाहर नि‍कलने के लि‍ए कंपनी ने सरकार से अति‍रि‍क्‍त फंड मांगा है। 



एयरलाइन को उम्मीद है कि मॉनसून सत्र में सरकार इसकी मंजूरी दे सकती है। यूपीए सरकार ने 2012 में एयर इंडिया के लिए 30,231 करोड़ रुपए के बेलआउट पैकेज की घोषणा की थी। कंपनी को अब तक 26,000 करोड़ रुपएमिल चुके हैं।

इक्‍वि‍टी इन्‍फ्यूजन को दोबारा शुरू करने की मांग 
अधिकारी ने कहा कि‍ हमने सरकार से इक्‍वि‍टी इन्‍फ्यूजन को दोबारा शुरू करने की मांग की है, जि‍से प्रस्‍तावि‍त वि‍नि‍वेश की वजह से रोका गया था। मौजूदा स्‍थि‍ति‍ से नि‍पटने के लि‍ए हमने अति‍रि‍क्‍त 2,000 करोड़ रुपए के फंड की मांग की है। एयर इंडि‍या को सरकार की ओर से 2013-14 से अब तक हर साल औसत 3,000 से 4,000 करोड़ रुपए मि‍ल रहे हैं। हालांकि‍, यह राशि‍ कम होती जा रही है।



कंपनी ने बैंकों से लि‍या 6,250 रुपए का कर्ज 
2018-19 में इसे 650 करोड़ देने का फैसला किया गया था क्योंकि इसके निजीकरण की योजना थी लेकिन यह योजना बुरी तरह विफल हुई। एयरलाइन की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही सरकार को कोई खरीदार नहीं मिला। आर्थिक परेशानी की वजह से एयर इंडिया के कर्मचारियों की सैलरी भी रुकी हुई है। सितंबर से जनवरी तक कंपनी अलग-अलग बैंकों से 6,250 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। 



एयर इंडिया ने कई संस्थानों में 1000 करोड़ के वर्किंग कैपिटल लोन के लिए भी संपर्क किया है। नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु का कहना है कि एयर इंडिया के विनिवेश के बारे में मंत्रियों का समूह फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेतली की अध्यक्षता में होने वाली AISAM की बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा। 

jyoti choudhary

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