68 साल बाद एयर इंडिया की 'घर वापसी', टाटा संस ने जीती बोली

Friday, Oct 01, 2021 - 12:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः टाटा संस ने घाटे में चल रही सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के लिए बोली जीत ली है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अब टाटा ग्रुप एयर इंडिया का नया मालिक होगा। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एयर इंडिया की बिक्री के लिए लगाई गई दोनों बोलियों में से सरकार ने टाटा ग्रुप को चुना है। टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए आखिरी बोली लगाई थी। आने वाले दिनों में एक आधिकारिक घोषणा की उम्मीद है।

टाटा ग्रुप ने ही की थी शुरुआत
टाटा के साथ सरकार का सौदा पक्का होने से विमानन कंपनी की 68 साल बाद 'घर वापसी' होगी। टाटा समूह ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी। वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली। 

मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें 
डील के तहत एयर इंडिया का मुंबई में स्थित हेड ऑफिस और दिल्ली का एयरलाइंस हाउस भी शामिल है। मुंबई के ऑफिस का बाजार मूल्य 1,500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। मौजूदा समय में एयर इंडिया 4400 घरेलू उड़ानें और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है। 

रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपए ज्यादा है टाटा की बोली  
इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ग्रुप की बोली सरकार द्वारा तय किए गए रिजर्व प्राइस से करीब 3,000 करोड़ रुपए ज्यादा है। टाटा की बोली स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह द्वारा लगाई गई बोली से लगभग 5,000 करोड़ रुपए अधिक है। आगे रिपोर्ट में कहा गया कि सरकारी सूत्रों ने उन रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है, जिसमें रिजर्व प्राइस को 15,000-20,000 करोड़ रुपए बताया गया है।  
 

jyoti choudhary

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