13 साल में सबसे देर से आया मॉनसून

Sunday, Jun 12, 2016 - 01:25 PM (IST)

नई दिल्लीः देश की खेती की रीढ़ माना जाने वाला दक्षिण-पश्चिम मॉनसून इस साल 08 जून को केरल तट पर आया जो वर्ष 2003 के बाद इसका सबसे विलंबित आगमन है। मॉनसून देश में केरल के रास्ते प्रवेश करता है। आमतौर पर यह 01 जून को केरल के तट पर दस्तक देता है लेकिन इस साल यह एक सप्ताह की देरी से आया है। मॉनसून के आने में इतनी देरी इससे पहले वर्ष 2003 में हुई थी। उस साल भी यह 08 जून को ही आया था।   

 

विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून के देर या जल्दी से आने का इसकी आगे बढऩे की रफ्तार या इस दौरान होने वाली बारिश से कोई खास संबंध अब तक स्थापित नहीं किया जा सका है लेकिन पिछले 13 साल के आंकड़े देखें तो जब-जब मॉनसून के आने में देरी हुई है यह समय से पहले पूरे देश में पहुंच चुका है। 

 

आमतौर पर मॉनसून 15 जुलाई तक पूरे देश में पहुंच जाता है। वर्ष 2003 में 08 जून को केरल में दस्तक देने के बाद 05 जुलाई को ही यह पूरे देश में पहुंच चुका था। वर्ष 2005 में 05 जून को आकर 30 जून तक, 2012 में 05 जून को आकर 11 जुलाई तक और 2015 में 05 जून को आकर 26 जून तक पूरे देश में पहुंच गया। इनमें वर्ष 2003 में औसत का 102 प्रतिशत, 2005 में 9 प्रतिशत, 2012 में 3 प्रतिशत तथा 2015 में अल नीनो प्रभाव के कारण 86 प्रतिशत बारिश हुई थी।  

 

मौसम वैज्ञानिकों ने इस साल भी मानसून के तेजी से आगे बढऩे की भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि मध्य तथा उत्तर पश्चिम भारत में मॉनसून समय से पहले पहुंचेगा। उन्होंने इस साल दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत बारिश होने की भी संभावना जताई है। वर्ष 1901 से अब तक मॉनसून सबसे जल्दी वर्ष 1918 में आया था। उस साल यह 11 मई को ही केरल पहुंच गया था। वहीं वर्ष 1972 में इसने सबसे लंबा इंतजार कराया था और 18 जून को आया था।

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