जल्द आएगी कृषि निर्यात नीति !
punjabkesari.in Thursday, Dec 06, 2018 - 12:08 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः देश भर में किसानों के आंदोलन का सामना कर रही केंद्र सरकार जल्द ही कृषि निर्यात नीति जारी कर सकती है। इसका उद्देश्य 2022 तक देश के कृषि निर्यात को दोगुना करके 60 अरब डॉलर के स्तर पर ले जाना है। इस नीति के अंतिम चरण में जो बदलाव किए गए हैं उनमें प्रसंस्कृत कृषि संबंधी निर्यात पर आगे कोई और रोक नहीं लगाने का वादा, कृषि उत्पादों के लिए एक स्थिर निर्यात नीति की व्यवस्था और मौजूदा एपीएमसी कानूनों को सरल करना शामिल है। इस नीति का उद्देश्य भारत को शीर्ष 10 देशों की सूची में अग्रसर करना और इस श्रेणी के वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी दोगुना करना है।
वाणिज्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री कार्यालय को यह नीति सौंप दी गई थी और मंत्रिस्तरीय सलाह-मशविरे के बाद अब जल्द ही यह मंत्रिमंडल के पास जाएगी। वरिष्ठï सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय का मानना है कि देश में चुनाव से कुछ महीने पहले इस नीति के व्यापक राजनीतिक निहितार्थ हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मार्च में मसौदा नीति जारी की थी लेकिन कृषि मंत्रालय के साथ विभिन्न मुद्दों पर मतभेद था, खासतौर पर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) अधिनियम के प्रारूप में प्रस्तावित परिवर्तन को लेकर। नए मानदंडों में बाजार तक पहुंचने की बाधाओं से निपटने के लिए एक संस्थागत व्यवस्था बनाने की बात की है।
वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठï अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ सालों से भारत का ध्यान ज्यादातर द्विपक्षीय वार्ताओं पर केंद्रित रहा है। हमें कृषि निर्यात के लिए बेहतर वातावरण बनाने की जरूरत है। यह नीति राज्यों में कृषि उपज विपणन समिति कानूनों में सुधार की बात कहती है। मंत्रालय का कहना है कि इसका (सुधार के अभााव में) नतीजा यह है कि कृषि के थोक बाजार अक्षमता और उत्पादकों की गुटबाजी का शिकार हो गए है। दशकों से किसानों पर इन आधिकारिक बाजारों में बिक्री की बाध्यता रही है जो शायद बेहतरीन दाम नहीं दे सकते हैं तथा निजी भागीदारों को भी बाजार स्थापित करने और बुनियादी ढांचे में निवेश करने से रोका जाता है लेकिन यह इसकी अनुमति देती है।