GST से जुडे पेशेवरों की सैलरी में हो रहा भारी-भरकम इजाफा

Tuesday, May 09, 2017 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्लीः भारतीय उद्योगों में जब सैलरी इंक्रीमेंट में गिरावट आई है, यह औसत और फीसद के टर्म में सिंगल डिजिट पर आ गई है, ऐसे में वस्तु एवं सेवा कर कानून (जीएसटी) से जुड़े पेशेवर नए ट्रेंड की शुरुआत कर रहे हैं। जी.एस.टी. के लिए काम करने वाली टीम मध्य अवधि के दौरान बोनस और वेतनवृद्धि का लाभ ले रही है। गौरतलब है कि आजाद भारत का सबसे बड़ा कर सुधार माना जाने वाला जीएसटी कानून 1 जुलाई 2017 से लागू किया जाना है।

एक अखबार में छपी खबर के मुताबिक वस्तु एवं सेवा कर कानून ने पेशेवर सेवा फर्मों के लिए बड़े अवसर पैदा किए हैं। इन फर्मों का काम अपने ग्राहकों को बदलते कारोबार एवं कर गतिशीलता, इसके प्रभाव का मूल्यांकन और आवश्यक कार्यवाही को समझाना है। हालांकि, अनुभवी प्रतिभा की उपलब्धता, जो नई एकल कर प्रणाली को और केंद्र और राज्य के डुअल राइट को लेकर पैदा हुई विशिष्टता को संभाल सके स्थानीय मार्केट में पर्याप्त नहीं है। यह स्थिति ऐसी कंसल्टेंसीज की तरफ रुख करने को मजबूर कर रही है ताकि जीएसटी टीमों में शामिल होने के लिए अन्य विभागों से इनहाउस पेशेवरों को लुभाया जा सके और वो लंबित कामों के बोझ को कम कर सकें।

उद्योग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, ईवाई, पी.डब्ल्यू.सी., डेलॉइट, के.पी.एम.जी. और ग्रांट थोर्नटन जैसी कंपनियां उन एक्जीक्यूटिव्स को 25-30% की वेतन वृद्धि दे रहे हैं जो कि एक ही कार्यालय (संगठन) में जी.एस.टी. टीमों को स्थानांतरित होने के लिए सहमत हैं। एक कार्यकारी ने बताया कि जीएसटी टीमों के सदस्यों को औसतन वेतन में 20% की बढ़ोतरी मिली है, यह इजाफा मध्य अवधि के बोनस के अतिरिक्त है। 

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