किसानों का इस बार दालों पर जोर, बुवाई रकबा 28 प्रतिशत बढ़ा

punjabkesari.in Saturday, Jul 23, 2016 - 02:43 PM (IST)

नई दिल्ली: देश के किसान दलहन की बड़े पैमाने पर बुवाई कर रहे हैं। खरीफ सत्र 2016-17 में इस फसल की खेती का रकबा अभी तक करीब 28 प्रतिशत बढ़कर 90.17 लाख हैक्टेयर हो गया है और इस मामले में कर्नाटक शीर्ष पर है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कर्नाटक में आज की तारीख तक दलहन खेती का रकबा 87 प्रतिशत बढ़कर 14.09 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 7.53 लाख हैक्टेयर था। महाराष्ट्र और राजस्थान में भी दलहन खेती के रकबे में 30 से 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।  

 

दलहन के साथ अन्य खरीफ फसलों की बुवाई जून से दक्षिण पश्चिम मानसून के आरंभ के साथ शुरू होती है और कटाई का काम अक्तूबर महीने से शुरू होता है। मानसून की बरसात एक प्रतिशत अधिक हुई है। मौसम विभाग ने सितंबर को समाप्त होने वाले 4 माह के सत्र के लिए सामान्य से बेहतर बरसात होने की भविष्यवाणी की है। 

 

कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में बताया, "खरीफ फसलों की बुवाई में बेहतर प्रगति के मद्देनजर, चालू मानसून सत्र की शेष अवधि के दौरान अगर बरसात मौसम विभाग के अनुमान के अनुरूप अनुकूल बनी रहती है, तो इस साल का उत्पादन परिदृश्य पिछले वर्ष के मुकाबले कहीं बेहतर हो सकता है।"

 

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कुल 1,062 लाख हैक्टेयर के खेती के रकबे में दलहन और धान सहित सभी खरीफ फसलों की बुवाई 65 प्रतिशत भू-भाग में कर दी गई है।  इसमें से मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई चालू सत्र में अभी तक 183.06 लाख हैक्टेयर में की गई है जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 182.38 लाख हैक्टेयर में की गई बुवाई से मामूली अधिक है।  

 

मोटे अनाज की बुवाई का रकबा भी 3.46 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 131 लाख हैक्टेयर हो गया है जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 126.27 लाख हैक्टेयर से अधिक है जबकि तिलहन खेती का रकबा 4 प्रतिशत बढ़कर 149.16 लाख हैक्टेयर हो गया जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 143 लाख हैक्टेयर था।  

 

उललेखनीय है कि दलहन बुवाई का रकबा चालू सत्र में अभी तक 28 प्रतिशत से अधिक भाग में किया गया है और यह रकबा 90.17 लाख हैक्टेयर है जो पूर्व वर्ष की समान अवधि में 64.69 लाख हैक्टेयर था। नकदी फसलों में गन्ना, जूट और कपास खेती का रकबा पिछले साल के मुकाबले कम है। आंकड़े दर्शाते हैं कि कपास की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 14 प्रतिशत कम यानी 86.86 लाख हैक्टेयर में की गई है जो रकबा पिछले साल की समान अवधि में 99.52 लाख हैक्टेयर था। जबकि गन्ना खेती का रकबा कम यानी 45.41 लाख हैक्टेयर है जो पहले 47.40 लाख हैक्टेयर था। 


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