रियल एस्टेट में बढ़ा 89 अरब रुपए का निवेश, 3 कारणों से NRI इन्वैस्ट कर रहे पैसा

Friday, Nov 16, 2018 - 12:51 PM (IST)

नई दिल्लीः साल की शुरूआत से ही डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में भारी गिरावट ने एन.आर.आइज को भारत में प्रॉपर्टी में निवेश के प्रति आकर्षित किया है। विशेषज्ञों की मानें तो इस वित्त वर्ष के पहले 8 महीनों में ही वर्ष 2017-18 में हुए कुल प्रॉपर्टी कारोबार से ज्यादा निवेश हुआ है। 

रियल्टी एस्टेट से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में भारतीय रियल एस्टेट में प्रथम 8 महीनों में हुआ निवेश 730 अरब रुपए को छू गया है, जबकि यह पिछले वित्त वर्ष 2018 में हुए कुल निवेश से 89 अरब रुपए से ज्यादा है। हाऊस ऑफ हीरानंदनी रियल्टी मेजर के चेयरमैन सुरेन्द्र हीरानंदनी के मुताबिक एन.आर.आइज के देश में प्रॉपर्टी निवेश में बढ़ रहे रुझान के पीछे रुपए के मूल्य में गिरावट और प्रॉपर्टी की कम कीमत है। उनके मुताबिक इस पूरे वित्त वर्ष में यह निवेश 15 प्रतिशत से ज्यादा बढऩे की संभावना है जबकि पिछले साल इसमें 10 प्रतिशत तक इजाफा हुआ था। 

इस साल जनवरी में एक डॉलर की कीमत लगभग 63 रुपए थी जोकि आज की तारीख में 72.5 रुपए के आसपास है। एन.आर.आइज द्वारा संपत्ति कारोबार में निवेश का कारण रुपए के मूल्य में गिरावट के अलावा संपत्ति के स्थिर मूल्यों और रेरा की सुविधाएं हैं। 

रियल्टी कंसल्टैंट एनरॉक के सर्वे के मुताबिक 78 प्रतिशत एन.आर.आइज स्टॉक एक्सचेंज, फिक्स्ड डिपॉजिट या फिर म्यूचुअल फंड्स की बजाय अपने देश में प्रॉपर्टी खरीदना ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं अमरीका में आवासीय नियामकों में अस्थिरता के कारण भी बहुत से एन.आर.आइज संपत्ति में निवेश के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। आवासीय नियामकों में अस्थिरता के कारण बहुत से एन.आर.आइज लंबे समय तक अमरीका में रहने का प्लान बदल रहे हैं। 

जहां तक रियल एस्टेट में डिमांड की बात हो विशेषज्ञों के मुताबिक एन.आर.आइज की ऑफिस स्पेस की बजाय रिहायशी संपत्ति की डिमांड ज्यादा है। उनके मुताबिक एन.आर.आइज कामर्शियल रियल एस्टेट में निवेश करने में मुश्किल महसूस करते हैं। इसी ट्रैंड के चलते बेंगलूर जैसे बड़े शहर में रिहायशी संपत्ति में निवेश 15-20 प्रतिशत बढ़ा है। सैंचुरी रियल एस्टेट के मैनेजिंग डायरैक्टर रविंद्र पाल के मुताबिक इस साल एन.आर.आइज का बेंगलूर सहित देश की राजधानी दिल्ली और पुणे में संपत्ति में निवेश का रुझान ज्यादा रहा है। उनके मुताबिक एन.आर.आइज की डिमांड के चलते मंदी के दौर से गुजर रहा रीयल एस्टेट उभरने लगा है।  
 

jyoti choudhary

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