7वां वेतन आयोग: मांग मजबूत होगी, मुद्रास्फीति जोखिम हल्का

Wednesday, Jun 29, 2016 - 04:40 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के एक करोड़ रुपए से अधिक कर्मचारियों व पेंशनधारकों वेतन-भत्तों व पेंशन में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर बढ़ौतरी लागू करने का घरेल अर्थव्यवस्था पर अच्छा असर होगा क्योंकि इससे उपभोग मांग बढ़ेगी। इससे मुद्रास्फीति का दबाव बढने की आशंका है पर इसका जोखिम सीमित ही रहने की संभावना है।   

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में आज 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आयोग ने वेतन-भत्तों में कुल मिलाकर 23.5 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की है।   

 

विशेषज्ञों का कहना है कि वेतन भत्ते बढ़ाने से उपभोक्ता मांग विशेष तौर पर टिकाऊ उपभोक्ता एवं सेवा क्षेत्र में मांग बढ़ेगी। इससे चालू वित्त वर्ष में 7.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि हासिल करने में मदद मिलेगी। 2015-16 में वृद्धि 7.6 प्रतिशत थी। इकरा की वरिष्ठ अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘वेतन आयेाग की सिफारिश को लागू करने का उपभोक्ता वस्तुओं एवं सेवाओं मांग पर अच्छा असर होगा। कुल मिलाकर आर्थिक वृद्धि के लिए यह अच्छा रहेगा और इससे मुद्रास्फीति का हल्का जोखिम भी होगा।’’

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