क्लेम में गलती से अटका 70 प्रतिशत GST रिफंड

Monday, Feb 26, 2018 - 10:37 AM (IST)

नई दिल्लीः रिफंड समय से न मिलने की एक्सपोर्टर्स की शिकायतों के बीच सरकार ने कहा है कि 70 प्रतिशत जी.एस.टी. रिफंड क्लेम में गलती की वजह से अटका है। सैंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सी.बी.ई.सी.) ने एक्सपोर्टर्स से कहा है कि वे अगले महीने के फाइनल रिटर्न की डिटेल में सुधार कर लें जिससे कि डिपार्टमैंट मार्च तक रिफंड क्लेम प्रोसैस कर सके।

सी.बी.ई.सी. ने अक्तूबर से 4 महीने में एक्सपोर्ट को 4000 करोड़ रुपए के रिफंड को मंजूरी दी है। अभी भी करीब 10 हजार करोड़ रुपए का क्लेम एक्सपोर्टर्स की ओर से जी.एस.टी. नैटवर्क (जी.एस.टी.एन.) को दी गई जानकारी में अंतर आने की वजह से अटका है। यह गड़बड़ी जी.एस.टी.एन. पर जी.एस.टी.आर. 1 फाइलिंग या टेबल 6ए या जी.एस.टी.आर. 3बी और कस्टम के फाइल किए गए शॉपिंग बिल की जानकारी के साथ मिलान करने पर सामने आ रही है।

अपर्याप्त जानकारी ने अटकाया रिफंड 
सी.बी.ई.सी. ने प्रिंसीपल कमिश्नर्स के साथ एक बातचीत में कहा है कि डाटा एनैलिसिस के अनुसार जी.एस.टी.आर. 1 या टेबल 6ए का केवल करीब 32 प्रतिशत रिकॉर्ड ही जी.एस.टी.एन. से कस्टम्स को ट्रांसमिट किया गया है। दूसरे शब्दों में कहें तो करीब 70 प्रतिशत रिफंड क्लेम अपर्याप्त जानकारी या जी.एस.टी. रिटर्न फाइलिंग के दौरान एक्सपोर्टर्स की तरफ  से पूरा ब्यौरा नहीं देने की वजह से अटका है।

अक्तूबर 2017 से शुरू है जी.एस.टी. रिफंड 
सी.बी.ई.सी. ने अक्तूबर 2017 से एक्सपोर्ट को सामानों की एवज में चुकाए गए इंटीग्रेटेड जी.एस.टी. का रिफंड भेजना शुरू कर दिया है। यह रिफंड क्लेम टेबल 6ए भरकर शॉपिंग बिल के आधार पर किया जाता है। वहीं ऐसे बिजनैस जिनकी जीरो रेटेड सप्लाई है या जो इनपुट क्रैडिट चाहते हैं उन्हें फॉर्म आर.एफ.डी.-01ए भरना होता है।

एक्सपोर्टर्स को भेजा ई-मेल 
अक्तूबर 2017 के बाद के क्लेम के डाटा एनैलिसिस के अनुसार रिटर्न फाइलिंग में गलतियां कम हो रही हैं। फिर भी बड़ी संख्या में एक्सपोर्टर्स अपूर्ण जी.एस.टी.आर. 1 या टेबल 6ए फाइल कर रहे हैं, जिनमें शॉपिंग बिल नंबर या पोर्ट की तारीख नहीं होती है। सी.बी.ई.सी. का कहना है कि ये रिकॉर्ड जी.एस.टी.एन. की ओर से कस्टम को फॉरवर्ड या प्रोसैस नहीं किए गए हैं। एक्सपोर्टर्स को ई-मेल भेजकर जी.एस.टी.आर. 1 के अमैंडमैंट प्रोसैस के जरिए रिकॉर्ड को करैक्ट करने के लिए कहा गया है। इसका मतलब यह है कि संबंधित महीने के जी.एस.टी.आर. 1 के टेबल 9 में जानकारी सही करनी होगी।  जी.एस.टी.एन. डाटा एनैलिसिस के बाद यह जानकारी सामने आई है कि ज्यादा केस ऐसे हैं, जिनमें एक्सपोर्टर्स की ओर से रिफंड क्लेम उसके द्वारा चुकाए गए जी.एस.टी. से ज्यादा है। साथ ही साथ एक्सपोर्टर्स की ओर से फाइल की गई जानकारी जी.एस.टी.एन. से कस्टम्स को नहीं भेजी गई है। 

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