चैक को कैश करने में बैंक ने लगाए 7 साल, अब भरेगा ब्याज

Saturday, Feb 17, 2018 - 09:49 AM (IST)

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक की यशोदा नगर शाखा ने भविष्य निधि संगठन की ओर से लाभार्थी के खाते में भेजे गए चैक को कैश करने में 7 साल लगा दिए। इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने बैंक को राशि के ब्याज व मुकद्दमे के खर्च का भुगतान करने का आदेश दिया है। 

क्या है मामला
बिधनू के जरकला गांव निवासी संजीव कुमार सिंह ने 31 मई, 2012 को शाखा प्रबंधक के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में मुकद्दमा दाखिल किया था। इसमें बताया था कि भविष्य निधि संगठन नोएडा ने उसके खाते में 4 अप्रैल, 2005 को एक चैक (14,554 रुपए का) और 15 मई, 2005 को दूसरा चैक (5503 रुपए का) लगाया था। बैंक जाकर पता किया तो कहा गया कि अभी उसके खाते में चैक नहीं लगाए गए। कई बार यही कहकर उसे टरकाया जाता रहा। 

इसके बाद नोएडा में जानकारी की गई तो बताया गया कि चैक खाते में लगा दिए गए हैं। इसके बाद भी बैंक मानने को तैयार नहीं हुआ। फिर भविष्य निधि संगठन नोएडा की ओर से लिखित में जानकारी दी गई कि दोनों चैक (कुल 20,057 रुपए) खाते में भेजे जा चुके हैं। यह पत्र बैंक को दिया गया, तब जाकर बैंक ने अपनी गलती मानते हुए 12 फरवरी, 2012 को उसके खाते में रुपए भेजे। इसके बाद उसने सेवा में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल किया। बैंक ने भी अपना पक्ष रखा। 

फोरम ने क्या कहा
फोरम अध्यक्ष डा. आर.एन. सिंह और सदस्य सुधा यादव ने गत दिवस वादी के पक्ष में फैसला सुनाया। 2005 में लाभार्थी के खाते में 2 चैक लगाए गए, इनका पैसा 2012 में खाते में पहुंचा। जिला उपभोक्ता फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए कुल राशि पर 8 प्रतिशत सालाना ब्याज देने का आदेश सुनाया। इसके अलावा 5 हजार रुपए मुकद्दमा खर्च भी देना होगा।

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