विदेशी प्याज भारत को नहीं आया रास! पड़े-पड़े सड़ गया 7000 टन स्टॉक

Wednesday, Jan 29, 2020 - 03:25 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: महंगे प्याज के बाद अब इसके दाम तेजी से नीचे आने शुरू हो गए हैं। जहां एक ओर आम आदमी को इससे राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर विदेश से आयात किया गया भारी भरकम प्याज सड़ रहा है। दरअसल सबसे ज्यादा प्याज पैदा करने वाले राज्य महाराष्ट्र की थोक मंडियों में पिछले कुछ दिनों में प्याज के दाम तेजी से गिरे हैं, जिससे मुंबई के बंदरगाह पर आयात किया गया 7 हजार टन प्याज पड़े पड़े सड़ गया है। 

खबरों की मानें तो इंपोर्टर्स की सुस्ती के बीच JNPT पोर्ट पर एक महीने से 250 रेफ्रिजरेटेड कंटेनर्स में रखा गया 7,000 टन प्याज सड़कर बदबू फैलाने लगा है। इंपोर्टेड प्याज की कीमतें 45 रुपए किलो के हिसाब से हैं, जबकि थोक बाजार में कीमतें काफी गिर गई हैं। देश की थोक मंडियों  में मंगलवार को लगातार पांचवें दिन प्याज की कीमतों में गिरावट आई. एक हफ्ते में कीमत 40 फीसदी गिर गई है ।महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित लासलगांव मंडी में मंगलवार को प्याज की कीमत 24 रुपये प्रति किलोग्राम थी। यह 20 जनवरी के 40 रुपये प्रति किलो रेट के हिसाब से करीब 40 फीसदी की गिरावट है।

बता दें कि हाल ही में खबर आई थी कि आयात​ किए गए प्याज का स्वाद लोगों को पसंद नहीं आ रहा है इसलिए सरकार इसे जल्द से जल्द देश से निकालने की कोशिश कर रही है। खबर थी कि अमेरिका द्वारा इंकार करने के बाद मोदी सरकार मालदीव, नेपाल और श्रीलंका जैसे अन्य देशों से 'no Profit No Loss' के आधार पर प्याज बेचने की कोशिश कर रही है। भारतीय मिशनों को भी यह निर्देश दिया गया कि वह इन देशों से बातचीत कर भारत से प्याज खरीदने को कहे क्योंकि देसी प्याज का उत्पात बढ रहा है।

कुछ दिनों पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने भी कहा था कि केंद्र सरकार राज्यों को 55 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज दे रही है। सरकार ने अब तक विदेशों से 24,500 टन प्याज मंगाया है, जबकि आयात के कुल 40,000 टन के सौदे हुए हैं। लेकिन राज्यों ने केवल 2,000 टन प्याज ही उठाया है, लिहाजा अब बचे हुए 89 फीसदी प्याज के सड़ने की चिंता बढ़ रही है। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकारें आयातित प्याज लेने से मना कर रही हैं। 

vasudha

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