65% लोगों को नहीं है घर की सुरक्षा की चिंता

Monday, Jul 15, 2019 - 11:02 AM (IST)

नई दिल्लीः उत्तर भारत में 65 प्रतिशत लोग घर की सुरक्षा से जुड़े खतरों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। गोदरेज लॉक्स की ‘हर घर सुरक्षित रिपोर्ट: इंडियाज सेफ्टी पैराडॉक्स- होम सेफ्टी बनाम डिजीटल सेफ्टी’ में यह खुलासा हुआ है। कंपनी के लिए रिसर्च नाऊ ने यह सर्वेक्षण किया है। 

इसके मुताबिक लोग सुरक्षा संबंधी खतरों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं, सिर्फ 38 प्रतिशत लोग ही घर की सुरक्षा के लिए हाईटैक समाधानों को अपनाना चाहते हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो लोग घरों में पारंपरिक ताले लगाते हैं उनमें से केवल 36 प्रतिशत ही हर साल ताला बदलते हैं। करीब 40 प्रतिशत लोग हर 2 से 3 साल में अपने घर का ताला बदलते हैं जबकि 20 प्रतिशत लोगों ने कभी भी अपने घर का ताला नहीं बदला। 

इसके अनुसार उत्तर भारत में अधिकांश लोग घर की सुरक्षा से जुड़े डिजीटल उपायों के प्रति पूर्णतया आश्वस्त नहीं हैं और घर की सुरक्षा के लिए पारंपरिक तरीकों का ही इस्तेमाल करते हैं। उत्तर भारत काफी हद तक सुरक्षा के मामलों में पारंपरिक है, वहीं करीब 82 प्रतिशत लोग घर की सुरक्षा के लिए मौजूद अत्याधुनिक तकनीकों जैसे डिजीटल लॉक के बारे में जानते हैं। करीब 62 प्रतिशत लोग पारंपरिक ताले इस्तेमाल करने में आरामदेह महसूस नहीं करते लेकिन फिर भी उन्होंने डिजीटल तालों को अपनाने की जरूरत महसूस नहीं की है।
 

jyoti choudhary

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