6 और बैंकों पर RBI लगा सकता है पाबंदी, नहीं दे सकेंगे लोन!

Monday, Jun 11, 2018 - 01:12 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) 6 और सरकारी बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पी.सी.ए.) कैटिगरी में डाल सकता है। जानकारी के अनुसार, इन बैंकों में पी.एन.बी., यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक के नाम शामिल हो सकते हैं। इससे वित्त मंत्रालय के कमजोर बैंकों के अच्छे कर्ज को मजबूत बैंकों को बेचने की योजना भी लटक सकती है।



मई में इलाहाबाद बैंक को इस कैटिगरी में डाला गया
अगर आर.बी.आई. अगले एक महीने में इन बैंकों को पी.सी.ए. कैटिगरी में डालता है तो ऐसे बैंकों की संख्या 17 पहुंच जाएगी। इससे पहले इलाहाबाद बैंक को मई में इस कैटिगरी में डाला गया था। बैंक से बिना रेटिंग वाले और हाई रिस्क कैटिगरी में लोन भी कम करने को कहा गया है। देना बैंक को भी नए लोन देने से रोका गया है। 



RBI बरत सकता है कुछ रियायत 
वित्त मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि इन 6 बैंकों का प्रदर्शन सभी मानकों पर खराब नहीं है। इसलिए आर.बी.आई. उनके साथ कुछ रियायत बरत सकता है। उन्होंने कहा कि अगर इन बैंकों को पी.सी.ए. कैटिगरी में नहीं डाला जाता है तो उनके हेल्दी लोन को बेचने की योजना सफल हो सकती है। 



उन्होंने बताया, 'सरकार और आर.बी.आई. के साथ इन बैंकों ने बातचीत की है और उन्होंने कहा है कि अगली एक या दो तिमाही में वे रिकवर कर जाएंगे। अगर आरबीआई पीसीए के तहत उन पर बंदिशें लगाता है तो उनके लिए जल्द रिकवर करना मुश्किल हो जाएगा।' 

लोन देने पर लगाई जाती हैं कई शर्तें 
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पी.सी.ए. में डाले जाने पर लोन देने को लेकर पाबंदी लग जाती है। ऐसे में बैंकों के ग्रुप की इनके हेल्दी लोन को खरीदने में दिलचस्पी कम हो सकती है। जिन बैंकों को पी.सी.ए. में डाला जाता है, वे ब्रान्च की संख्या नहीं बढ़ा सकते। उन्हें डिविडेंड पेमेंट रोकना पड़ता है। लोन देने पर भी कई शर्तें लगाई जाती हैं। वहीं जरूरत पड़ने पर रिजर्व बैंक ऑडिट और रिस्ट्रक्चरिंग का भी आदेश दे सकता है। 



अभी इस कैटिगरी में इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं। 

jyoti choudhary

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