संसदीय समिति ने कहा- पर्याप्त स्पेक्ट्रम की अनुपलब्धता के चलते भारत में 5जी सेवाएं अगले साल होंगी शु

Tuesday, Feb 09, 2021 - 12:30 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार को उम्मीद है कि देश में पांचवी पीढ़ी की दूरसंचार सेवाएं (5जी) अगले वर्ष के प्रारंभिक महीनों में शुरू हो जाएंगी। संसद की एक समिति के ताजा प्रतिवेदन में इस बात का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इससे पहले रेडियो तरंगों की नीलामी का एक और दौर संपन्न किया जाना है। दूरसंचार विभाग पर संसद की स्थायी समिति की सोमवार को प्रस्तुत इस रपट में 5जी सेवाएं शुरू होने में विलम्ब के लिए विभाग की खिंचाई की गयी है। इसमें कहा गया है कि कई देशों में पांचवी पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। 

दूरसंचार मंत्रालय ने पहली मार्च से रेडियो तरंगों की नीलामी की घोषणा कर रखी है। इसमें 3.92 लाख करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। लेकिन इसमें 5जी सेवाओं के लिए अपेक्षित बैंड के स्पेक्ट्रम नहीं होंगे। समिति को बताया गया कि 5जी सेवाओं की शुरुआत 2021 के अंत या 2022 के शुरू में हो जाएगी। शुरुआत में यह कुछ खास प्रयोजनों के लिए ही होगी। भारत में 4जी सेवाओं के विस्तार में में भी 5-6 वर्ष लग गए थे। समिति के अध्यक्ष सांसद शशि थरूर हैं। 

रपट में कहा गया कि चीजों को देखते हुए ‘‘ समिति के सदस्यों का मानना है कि भारत में 5जी सेवा शुरू करने के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की गयी है।'' अन्य देशों की तुलना में भारत इस मामले में अभी प्रारंभिक चरण से आगे नहीं बढ़ सका है। समिति ने कहा है कि 5जी में देरी देश में काम की योजनाएं बनाने और उनके क्रियान्वयन की क्षमता पर सवाल खड़ा करता है। ‘‘ ऐसा लगता है कि यदि सरकार ने आवश्यक जगहों पर हस्तक्षेप नहीं किया तो भारत 2जी, 3जी और 4जी में पीछे रहने के बाद 5जी के मामले में भी भारत के अवसर गंवा सकता है।'' 

रपट में दूरसंचार कंपनियों के मंच सीओएआई की इस चिंता का उल्लेख है कि कंपनियों ने 5जी के परीक्षण के लिए आवेदन जनवरी 2020 में ही दे दिए थे पर अभी तक उसके लिए दिशानिर्देश जारी नहीं हुए है। अभी इसके लिए कोई तारीख भी तय नहीं की गयी है। विभाग ने समिति से कहा है कि 5जी के परीक्षण के लिए परीक्षण मंच अक्टूबर 2021 तक तैयार हो सकता है। समिति ने इस बात पर खेद जताया है कि विभाग (डीओटी) ने पिछले समय में हुई देरियों से कोई सीख नहीं ली है। 

Pardeep

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