5जी कनेक्टिविटी से होगा सभी क्षेत्रों में बदलाव,आसान होगा भविष्य

Wednesday, Apr 10, 2019 - 01:26 AM (IST)

नई दिल्ली: टेक्नोलोजी के दौर में ५जी नेटर्वक से बहुत सारे बदलाव आ सकते है। जैसे कि सेल्फ ड्राइविंग कार, रिमोट रोबॉटिक सर्जरी, ऑटोमैटिक हथियार और ऐसे ढेरों साइंस फिक्शन जैसी चीजें 5जी वायरलेस कनेक्टिविटी के साथ संभव होंगी। 5जी नेटवर्क आने से ग्लोबल इकॉनमी में बड़ी ग्रोथ हो सकती है। ५जी नेटवर्क से होने वाले फायदों की गणना कर रहें हैं। लंदन के इनफॉर्मेशन प्रोवाइडर के मुताबिक कहा है कि 2035 तक ५जी के जरिए ग्लोबली वार्षिक बिक्री में 12 ट्रिलियन डॉलर (8.3 लाख अरब रुपये) का इजाफा होगा। जो कि चीन के पिछले साल के बजट बराबर है।

5जी नेटवर्क से मोबाइल डाटा की स्पीड 4 जी नेटर्वक के मुकाबले 100 गुना तेज़ होगी। जिससे डिजिटल कनेक्टिविटी से जुड़े काम आसानी से किए जा सकेंगे। इसके इलावा कुछ इंडस्ट्रीज में उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छा साबित हो सकता है।

इंटरनेट कनेक्टिविटी
5जी आने पर कनेक्टिविटी का दायरा बढ़ेगा। जिससे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की मदद से आसपास की कई इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज को आपस में कनेक्ट किया जा सकेगा। उदाहरण के लिए घरों में रखे सभी इलेक्ट्रानिक उपकरण एक की जगह और सभी डिवाइसों को कंट्रोल किए जा सकेंगे और यह क्षमता ऑटोमैटिक वीइकल्स बनाने में सफल होगी।

ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में बदलाव
5जी नेटर्वक से बिना ड्राईवर के व्हीकल चलाए जा सकते है। दुनिया के कई शहरों में बिना ड्राइवर की कारें पहले ही उतार दी गई हैं। इसका इस्सतेमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट की दिशा में भी ५जी कनेक्टिविटी मददगार साबित हो सकती है, और ५जी नेटवर्क आधारित बसें और ट्रेन्स चल सकती हैं। इसी तरह शिपिंग और डिलिवरी के लिए भी बेहतर वाहन तैयार होंगे जो एक तय रास्ते पर बिना किसी ड्राइवर के चल सकेंगे और ऑर्डर पहुंचाएंगे।

मोबाईल- क्लीनिक
5जी नेटर्वक से एक कॉल पर ऐम्बुलेंस की जगह मिनी-क्लीनिक ही दरवाजे पर दस्तक देगी। जिससे डॉक्टर्स एक ही जगह पर बैठकर विडियो रेंज के जरिए जुड़ पाएंगे। इसी तरह शरीर की जांच के लिए भी मशीनें आपस में कनेक्ट होंगी और डेटा ट्रांसमिशन तेजी से हो सकती है। इसके बाद ऑपरेशन के लिए भी रोबॉट्स की मदद ली जा सकेगी।

सैनिकों के लिए युद्ध में सहायक 
5जी नेटवर्क से ऑटोमैटिक हथियार और रोबॉट्स तैयार किए जा सकेंगे। जो की दिए गए टारगेट पर हमले के अलावा खुद फैसले कर सकेंगे। इसी तरह फेस-रिकग्निशन टेक्नॉलजी ऑन-द-स्पॉट काम करेगी।

ऑफिस वर्क में तेज़ी
ऑफिस वर्क पहले से ज्यादा स्मार्ट और आसान हो जाएगा। अडवांस एआई और मशीन लर्निंग के चलते कर्मचारियों को कम से कम मेहनत करनी पड़ेगी और बाकी का काम मशीनरी के जिम्मे होगा। ज्यादातर कर्मचारियों का काम रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर प्रेजेंटेशन देने तक सीमित हो जाएगा।

आईएफएस की मार्किट ने 5जी तकनीक को प्रिटिंग प्रेस, बिजली और भाप-इंजन जैसी कई क्रांतिकारी आविष्कार माना है।विषलेश्कों का कहना है कि वर्ष २०२० से २०३५ के बीच यह टेक्नॉलजी भारत की अर्थव्यवस्था के बराबर रियल जीडीपी पैदा करने में सक्षम होगी।

Yaspal

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