कुपोषण से निपटने को चावल में 51%, दूध में 27% पोषण संवर्धन: एफएसएसएआई

Tuesday, Aug 27, 2019 - 10:54 AM (IST)

नई दिल्लीः चावल और दूध में पोषक तत्व संवर्धन का काम क्रमश: 51 प्रतिशत और 27 प्रतिशत हुआ है। खाद्य नियामक एफएसएसएआई की अध्यक्ष रीता तेवतिया ने सोमवार को यह जानकारी देते हुये कहा कि इससे कुपोषण से निपटने में मदद मिलेगी। पोषक तत्वों के सम्मिश्रण का काम, कुपोषण से लड़ने की एक पूरक रणनीति है जिसके तहत प्रमुख विटामिन और खनिज जैसे कि लोहा, आयोडीन, जिंक, विटामिन ए एंड डी को चावल, गेहूं, तेल, दूध और नमक जैसे खाद्य पदार्थों के साथ सम्मिश्रण किया जाता है ताकि पोषण संबंधी सामग्री का स्तर बढ़ाया जा सके।

सीआईआई के सम्मेलन को संबोधित करते हुए, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) की अध्यक्ष ने एकीकृत बाल पोषण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय पोषण मिशन के साथ ही पोषण के अन्य पहलुओं पर समान ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। 

सीआईआई द्वारा जारी एक बयान में उनके हवाले से कहा गया है, ‘‘एफएसएसएआई भारत सरकार के प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रमों के साथ मिलकर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पोषक पदार्थो का सम्मिश्रण उन कार्यक्रमों का अभिन्न अंग हो।'' तेवतिया ने कहा कि एफएसएसएआई ने पांच अनाज- गेहूं, चावल, तेल, दूध, दोगुना सुरक्षित नमक के लिए पोषण तत्व सम्मिश्रण मानकों को शुरु किया है- जो कि फिलहाल स्वैच्छिक हैं।

jyoti choudhary

Advertising