50 साल का हुआ ATM, ऐसे आया था मशीन बनाने का आइडिया

Tuesday, Jun 27, 2017 - 02:08 PM (IST)

नई दिल्लीः पूरे विश्व के बैंकिंग सिस्टम में ए.टी.एम. मशीन का काफी अहम योगदान है। आज से लगभग 50 साल पहले आई इस मशीन के आविष्कार की कहानी काफी दिलचस्प है। 50 साल पहले 27 जून 1967 में दुनिया का पहला ए.टी.एम. मशीन लंदन के एनफील्ड में बार्क्लेज़ बैंक की शाखा में खोला गया था। आज 50 साल पूरे होने के मौके पर बैंक ने इसे सोने का ए.टी.एम. बना दिया है। अपने 50 साल के सफर में ए.टी.एम. मशीनों ने भारी तकनीक के बदलाव को झेला है, जो अब भी जारी है।

इस शख्स ने बनाई थी मशीन
ए.टी.एम. बनाने का आइडिया जॉन शेफर्ड बैरन का था। बैरन का जन्म 1925 में भारत के शिलांग में हुआ था। बैरन को ए.टी.एम. का आइडिया 1965 में आया था। स्कॉटलैंड से ताल्लुक़ रखने वाले उनके पिता उत्तरी बंगाल में चटगांव पोर्ट कमिश्नर्स के चीफ़ इंजीनियर थे। साल 2010 में बैरन की मौत हो गई। बताया जाता है कि जॉन शेफ़र्ड-बैरन को नहाते वक्त ऐसी मशीन बनाने का खयाल आया कि एक ऐसी मशीन बनाई जाए जिस्से पैसे निकाले जा सकें, वो भी बिना बैंक गए।

पहली ATM मशीन
27 जून 1967 को दुनिया की पहली ए.टी.एम. मशीन लंदन के एनफील्ड में लगाई गई थी। ए.टी.एम. से सबसे पहली बार पैसे ब्रिटिश अभिनेता रेग वर्णय ने निकाले थे। लंदन समेत पूरे यूरोप में उनके अभिनय की चर्चा थी। आज 50 साल बाद हम रेग की चर्चा दुनिया के पहले ए.टी.एम. यूजर के तौर पर भी करते हैं।

भारत में ए.टी.एम. की शुरूआत 
रिज़र्व बैंक के मुताबिक़ देश भर में 56 सरकारी और निजी बैंकों के दो लाख से अधिक ए.टी.एम. हैं। इनमें एक लाख से अधिक ऑनसाइट और एक लाख से कुछ कम ऑफ़साइट ए.टी.एम. हैं।

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