को-वर्किंग कंपनियों के कार्यालय किराए पर उठने में पिछली तिमाही में 40 प्रतिशत कमी: रिपोर्ट

Friday, Nov 22, 2019 - 10:18 AM (IST)

नई दिल्लीः को-वर्किंग कार्यस्थलों का परिचालन करने वाली कंपनियों के कार्यालय किराए पर उठने में जुलाई-सितंबर अवधि में 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। संपत्ति सलाहकार सीबीआरई के अनुसार इस अवधि में मात्र 20 लाख वर्गफुट को-वर्किंग क्षेत्र ही किराए पर उठा है।

को-वर्किंग, कार्यालयी संपत्ति क्षेत्र की नई अवधारणा है। इसमें एक कंपनी पूरे कार्यालय परिसर का संचालन करती है और उसमें कई कंपनियां अपने कर्मियों की जरूरत के हिसाब से परिसर के हिस्से को किराए पर लेती हैं। इसमें एक व्यक्ति से लेकर कंपनी तक अपने लिए कार्यालय किराए पर ले सकती है। सीबीआरई ने बताया कि चालू वर्ष की तीसरी तिमाही में केवल 20 लाख वर्गफुट को-वर्किंग कार्यालय क्षेत्र ही किराए पर लिया गया। जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 33 लाख वर्गफुट क्षेत्र था।

सीबीआरई के भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिमी एशिया और अफ्रीका क्षेत्र के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुमन मैगजीन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन कार्यालयी परिसरों के मालिक किराएदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए मांग के आधार पर ऐसे कार्यालयी परिसरों की उपलब्धता को बनाए रखेंगे। देश का को-वर्किंग क्षेत्र एशिया-प्रशांत क्षेत्र के सबसे बड़े को-वर्किंग बाजारों में से एक है। यह क्षेत्र निवेशकों का पसंदीदा क्षेत्र बने रहने की संभावना है।
 

Supreet Kaur

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